मध्य प्रदेश की बैतूल लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुने गए दुर्गादास उइके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। उन्हें जनजातीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। आदिवासी नेता उइके राजनीति में उतरने से पहले सरकारी शिक्षक थे। इससे पहले उइके जनपद दफ्तर में प्रशासनिक और मध्य प्रदेश पुलिस में सिपाही भी रह चुके थे। दुर्गादास उइके का जन्म 29 अक्टूबर, 1963 (58 वर्ष) को मीरापुर, पोस्ट-रायआमला, तहसील-मुलताई, जिला-बैतूल में हुआ था। उनके पिता स्व. सूरतलाल उइके, माता स्व. रामकली उइके, पत्नी ममता उइके हैं।
शिक्षक के पद से त्यागपत्र देकर वर्ष 2019 में पहली बार भाजपा की टिकट पर बैतूल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले दुर्गादास उईके ने तीन लाख 60 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल की थी। बेहतर कार्य प्रणाली के कारण भाजपा ने वर्ष 2024 के चुनाव में दूसरी बार उन्हें मैदान में उतारा था। यह चुनाव भी वे 3 लाख 79 हजार मतों से जीतने में सफल रहे हैं। दुर्गा दास उइके को डीडी उइके के नाम से भी जाना जाता है। वे राजनीति में आने से पहले वे एक शिक्षक थे। दुर्गादास उईके ने 2024 में बैतूल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम को 3 लाख 79 हजार 761 वोटों से पराजित किया है। बैतूल में बंपर जीत के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई हैं।
उईके दलित वर्ग से आते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है। पिछली बार के चुनाव में भी दुर्गा दास और रामू टेकाम के बीच ही मुकाबला हुआ था और उस समय भी दुर्गा दास ने जीत हासिल की थी। तब भी वह 3 लाख 60 हजार वोटों से चुनाव जीते थे। उस समय उन्हें कुल 8 लाख 11 हजार 248 वोट मिले थे तो वहीं रामू टेकाम को 4 लाख 51 हजार वोट मिले थे। इस बार के चुनाव में भी उनके वोटों के आंकड़े कुछ खास बदले नहीं और ना ही रिजल्ट बदला।