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अगर अजित पवार ने पहले कार्रवाई की होती तो वह भूमि सौदा संबंधी विवाद से बच सकते थे: मंत्री पाटिल

महाराष्ट्र के मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि अगर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो वह अपने बेटे से जुड़ी एक कंपनी से संबंधित जमीन सौदे को लेकर उठे विवाद से बच सकते थे।

वरिष्ठ नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी पवार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी ‘व्यस्त दिनचर्या’ उनकी निष्क्रियता का कारण हो सकती है।
कांग्रेस के पूर्व नेता विखे पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर अजित पवार ने पुणे में जमीन मामले की भनक लगते ही कार्रवाई की होती, तो शायद यह स्थिति न बनती। लेकिन उनकी व्यस्त दिनचर्या को देखते हुए, कभी-कभी कुछ फैसले अपने आप हो जाते हैं।’’

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए हैं और जल्द ही तथ्य स्पष्ट हो जाएंगे। गौरतलब है कि पश्चिमी महाराष्ट्र की राजनीति में विखे पाटिल परिवार और पवार परिवार के बीच पारंपरिक रूप से टकराव रहा है।

हालांकि, विपक्ष द्वारा अजित पवार के इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास इस्तीफे मांगने के अलावा और कोई काम नहीं है।
यह विवाद पुणे के मुंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी जमीन की कथित अवैध बिक्री से जुड़ा है, जिसकी कीमत लगभग 1,800 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

विपक्षी नेताओं का दावा है कि इसे अजित पवार के बेटे पार्थ से जुड़ी एक कंपनी ने केवल 300 करोड़ रुपये में खरीदा था।
हालांकि, बृहस्पतिवार को कंपनी के एक साझेदार और एक सरकारी अधिकारी समेत तीन लोगों के खिलाफ सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई, लेकिन अजित पवार ने इस लेन-देन से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है।

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