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Parliament Diary: सुरक्षा में सेंध पर भारी हंगामा, नहीं चल पाई कार्यवाही, लोकसभा-राज्यसभा स्थगित

संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई चूक को लेकर राजनीतिक जबरदस्त तरीके से गर्म हो गई है। इस मामले को लेकर राज्यसभा और लोकसभा में हंगामा जारी है। गुरुवार को दोनों सदनों में 14 सांसदों को हंगामे की वजह से निलंबित कर दिया गया था। इसका असर शुक्रवार को भी देखा गया। शुक्रवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों का जबरदस्त तरीके से हंगामा जारी रहा। हंगामे की वजह से शुक्रवार को दोनों सदनों की कार्यवाही नहीं चल पाई। 
 

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लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर शुक्रवार को भी जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका और कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी दलों के सदस्य सुरक्षा चूक के मामले पर सदन में गृहमंत्री अमित शाह के वक्तव्य और चर्चा की मांग कर रहे हैं। सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कार्यवाही सोमवार 11 बजे तक के लिए तत्काल स्थगित कर दी। कुछ सदस्यों के हाथों में पोस्टर भी थे। एक पोस्टर पर संसद में सुरक्षा के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग लिखी हुई थी। कुछ सदस्य गृहमंत्री शाह के इस्तीफे की मांग भी कर रहे थे। कुछ विपक्षी सदस्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर रहे थे] जिनके हस्ताक्षर से मिले ‘पास’ पर संसद भवन में प्रवेश करने वाले दो युवक बुधवार को लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे।
 

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सूचीबद्ध कामकाज निलंबित कर तत्काल चर्चा कराने की मांग सभापति जगदीप धनखड़ की ओर से खारिज किए जाने के बाद विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को राज्यसभा में हंगामा किया, जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में न तो शून्यकाल, ना ही प्रश्नकाल और ना ही कोई महत्वपूर्ण विधायी कामकाज हो सका। दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक दोबारा आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को बोलने देने का अनुरोध किया। इसी दौरान नेता सदन पीयूष गोयल भी खड़े हो गए और कुछ बोलना चाहा। इसी समय सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से हंगामा और शोर आरंभ हो गया। धनखड़ ने दोनों पक्षों से शांत होने की गुजारिश की और कहा कि वह सदन में कुछ घोषणा करना चाहते हैं। हालांकि हंगामा एवं शोरगुल जारी रहा और उन्होंने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

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