शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऊर्जा, गतिशीलता और जुड़ने की इच्छा की प्रशंसा करते हुए उनकी टिप्पणी भारत के आउटरीच मिशन की सफलता के संदर्भ में थी। कांग्रेस सांसद ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी प्रधानमंत्री की पार्टी में शामिल होने के लिए उनके संकेत नहीं हैं, जैसा कि कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है। थरूर ने कहा, “यह एक ऐसा लेख है जिसमें मैंने इस आउटरीच मिशन की सफलता का वर्णन किया है, जो सभी दलों की एकता को दर्शाता है।”
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कांग्रेस सांसद ने कहा कि मैंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अन्य देशों के साथ बातचीत में गतिशीलता और ऊर्जा का प्रदर्शन किया है। भाजपा की विदेश नीति या कांग्रेस की विदेश नीति जैसी कोई चीज नहीं है। केवल भारतीय विदेश नीति है। थरूर ने कहा, “मैंने यह बात 11 साल पहले कही थी, जब मुझे संसद की विदेश मामलों की समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।” उन्होंने कहा, “यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी में शामिल होने का मेरा संकेत नहीं है। यह राष्ट्रीय एकता का संदेश है।”
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक ‘‘अहम पूंजी’’ बनी हुई है, लेकिन इसे अधिक सहयोग एवं समर्थन की जरूरत है। उनकी यह टिप्पणी एक बार फिर कांग्रेस को असहज स्थिति में डाल सकती है तथा पार्टी नेतृत्व के साथ उनके संबंधों में दरार और गहरी हो सकती है। प्रधानमंत्री के लिए थरूर की प्रशंसा ऐसे समय आई है जब कांग्रेस विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार पर निरंतर हमले कर रही है और आरोप लगा रही है कि भारतीय कूटनीति चरमरा गई है और देश विश्व स्तर पर ‘‘अलग-थलग’’ पड़ गया है।
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थरूर ने अंग्रेजी दैनिक ‘द हिंदू’ के लिए लिखे एक लेख में कहा कि ‘‘ऑपरेशन सिंदूर’’ के बाद किया गया राजनयिक संपर्क राष्ट्रीय संकल्प और प्रभावी संवाद का क्षण था। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर थरूर के इस लेख को साझा किया और कहा, लोकसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. शशि थरूर लिखते हैं: ‘‘ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित वैश्विक पहुंच से सबक।’’