ब्रिटेन के बीबीसी में हाल ही में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बीबीसी के डायरेक्टर-जनरल टिम डेवी और हेड ऑफ न्यूज़ डेबोरा टर्नेस ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफा उस विवाद के बाद आया है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2021 के कैपिटॉल भाषण के एक हिस्से को गलत तरीके से एडिट कर दिखाए जाने का आरोप लगा था।
मौजूद जानकारी के अनुसार, बीबीसी के पैनोरमा प्रोग्राम में दिखाए गए डॉक्यूमेंट्री एपिसोड में ट्रंप के भाषण के दो अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर इस तरह प्रस्तुत किया गया था कि ऐसा लगे जैसे उन्होंने कैपिटॉल हिल पर हुई हिंसा को भड़काया हो। हालांकि, असल में ये दोनों हिस्से करीब 50 मिनट के अंतर पर बोले गए थे।
गौरतलब है कि यह मामला तब सामने आया जब ब्रिटिश अख़बार द टेलीग्राफ ने बीबीसी के एक लीक आंतरिक मेमो का खुलासा किया। मेमो में यह माना गया था कि डॉक्यूमेंट्री में इस्तेमाल किए गए क्लिप ने दर्शकों को गुमराह किया। इसके बाद बीबीसी ने भी स्वीकार किया कि एडिटिंग में “गंभीर गलती” हुई थी और इससे “दर्शकों को गलत संदेश” गया है।
टिम डेवी ने इस्तीफा देते हुए कहा कि, “बीबीसी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन कुछ गंभीर गलतियां हुई हैं और बतौर डायरेक्टर-जनरल, इसकी पूरी जिम्मेदारी मेरी है।” वहीं, डेबोरा टर्नेस ने भी माना कि पैनोरमा से जुड़ा विवाद अब संगठन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा, “अब ज़िम्मेदारी लेने का समय है। फैसला कठिन है, लेकिन सही है।”
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने बीबीसी पर “झूठी पत्रकारिता” का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “ये वही लोग हैं जो लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश करते हैं। मेरे भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया ताकि जनता को गुमराह किया जा सके।” वहीं, उनके प्रेस सचिव कैरोलीन लीविट ने बीबीसी को “प्रचार मशीन” और “100% फेक न्यूज़” बताया है।
बता दें कि बीबीसी लंबे समय से निष्पक्ष पत्रकारिता का प्रतीक माना जाता रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में संगठन पर पक्षपात और राजनीतिक दबाव के आरोप बढ़े हैं। जानकारों का कहना है कि यह विवाद बीबीसी की विश्वसनीयता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है और भविष्य में इसके संपादकीय मानकों को लेकर और सख्त जांच की उम्मीद है।
फिलहाल, बीबीसी के नए नेतृत्व की घोषणा जल्द की जाएगी और संस्थान के भीतर संपादकीय प्रक्रिया की समीक्षा शुरू कर दी गई है। यह पूरा मामला वैश्विक मीडिया जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रेस की जिम्मेदारी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।
विवाद के बावजूद, बीबीसी ने साफ किया है कि वह “पारदर्शिता और जवाबदेही के मूल्यों” पर कायम है और आने वाले दिनों में दर्शकों का भरोसा दोबारा जीतने की कोशिश जारी रखेगा हैं।