पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय ब्लॉक की एक अदालत ने विद्रोही सैनिकों द्वारा तख्तापलट किए जाने के लगभग पांच महीने बाद नाइजर के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति को रिहा और उनके पद को बहाल करने का शुक्रवार को आदेश दिया।
उनकी कानूनी टीम ने एक बयान में कहा कि ‘ईसीओडब्ल्यूएएस कोर्ट ऑफ जस्टिस’ ने फैसला सुनाया कि राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम और उनके परिवार को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया था और उन्हें पद पर बहाल करने का निर्देश दिया जाता है।
राष्ट्रपति के वकीलों ने कहा कि बजौम को उनकी पत्नी और बेटे के साथ जुलाई में तख्तापलट के बाद से घर में नजरबंद किया गया था। उन्होंने कहा कि परिवार को किसी न्यायाधीश से मिलने की अनुमति नहीं दी गई है और न ही उन्हें उनके खिलाफ कार्यवाही की जानकारी दी गई।
वकीलों ने कहा कि परिवार के सदस्य दुनिया से कटे हुए अपने आवास में ही रह रहे थे और केवल एक डॉक्टर ही उनसे मिलने आया करता था।उन्होंने कहा कि शुक्रवार का फैसला नाइजर में लोकतांत्रिक शासन बहाल करने पर किसी अंतरराष्ट्रीय अदालत का पहला बाध्यकारी आदेश है।
बजौम की कानूनी टीम में काम करने वाले अमेरिकी मानवाधिकार वकील रीड ब्रॉडी ने एसोसिएटेड प्रेस को से कहा, यह लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए एक अभूतपूर्व न्यायिक जीत है। यह फैसला उनके (राष्ट्रपति) पद की पूर्ण बहाली के लिए दबाव बनाने में कानूनी तौर पर एक बड़ा हथियार साबित होगा।
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