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Russia लाया अपने बेड़े से ऐसा हथियार निकाल के, ट्रंप भी अब उसके दोस्तों पर टैरिफ लगाएंगे संभाल के

नाटो और पश्चिमी देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच रूस ने पश्चिमी देशों को अपनी ताकत दिखाई। जापान युद्धाभ्यास में रूस ने एक बार फिर से अपना सैन्य प्रदर्शन किया। इस युद्धाभ्यास में रूस के एमआईजी 31 फाइटर जेट ने हाइपरसोनिक मिसाइलों से लैस होकर टैरेंट सागर के न्यूट्रल वाटर में चार घंटे की लंबी उड़ान भरी। रूस ने ये शक्तिप्रदर्शन ऐसे समय में किया जब रूस और यूक्रेन के बीच की जंग तीव्र हो चुकी है और पोलैंड को लेकर नाटो देशों से तनाव बढ़ा है। रूस ने अपने एमआईजी 31 जेट्स को किंजल मिसाइलों से लैस किया है और किंजल का मतलब रूसी भाषा में खंजर होता है। ये एयरलॉन्च हाइपरसोनिक बैलेस्टिक मिसाइल है जो पारंपरिक और न्यूक्लियर दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है। 

हाइपरसोनिक जिरकोन मिसाइल का टेस्ट

रूस ने एक बार फिर सैन्य ताकत का अहसास कराते हुए अपने सबसे घातक हथियारों में से एक हाइपरसोनिक जिरकोन मिसाइल का टेस्ट किया। इस मिसाइल की स्पीड ध्वनि से 9 गुना अधिक है, जिसे रोकना लगभग असंभव माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह मिसाइल किसी भी देश का नक्शा बदलने की क्षमता रखती है। रूस ने बताया कि उसने बेरेंट्स सागर में एक लक्ष्य पर जिरकोन (त्सिरकोन) हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल दागी, और सुखोई एसयू-34 सुपरसोनिक लड़ाकू-बमवर्षकों ने बेलारूस के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास के हिस्से के रूप में हमले किए।

Su-34 से जमीनी ठिकानों पर बमबारी का अभ्यास 

रूसी रक्षा मंत्रालय ने उत्तरी बेड़े के एडमिरल गोलोव्को फ्रिगेट द्वारा बेरेंट्स सागर में एक लक्ष्य पर जिरकोन हाइपरसोनिक मिसाइल दागे जाने का फुटेज जारी किया। फुटेज में दिखाया गया कि फ्रिगेट में मिसाइल को लंबवत प्रक्षेपित किया गया और फिर यह एक कोण पर क्षितिज की ओर बढ़ी। साथ ही Su-34 के चालक दल ने जमीनी ठिकानों पर बमबारी का अभ्यास किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2019 में कहा था कि जिरकोन मिसाइल ध्वनि की गति से 9 गुना तेज उड़ सकती है और समुद्र व जमीन पर 600 मील से अधिक की दूरी पर लक्ष्यों को भेद सकती है। यह मिसाइल जिसे रूस में 3एम22 एसएस-एन-33 के नाम से जाना जाता है, की मारक क्षमता 400 से 1000 किलोमीटर है।

यूक्रेन ने रूस की तेल रिफाइनरी पर किया ड्रोन 

ने शनिवार रात रूस की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरियों में से एक लेनिनग्राद क्षेत्र में स्थित किरिशी पर भीषण ड्रोन हमला किया। वहीं, पोलैंड के बाद नाटो के देश रोमानिया ने भी रूसी ड्रोन को अपने एयरस्पेस में देखने का दावा किया।

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