रूस और यूक्रेन एक साथ नजर आए, वह भी भारत की जमीन पर। सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है लेकिन के आध्यात्मिक की ताकत कुछ और ही है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में भारत के अलावा दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं और संगम किनारे अदभुत नजारा देखने को मिल रहा है। प्रयागराज की धरती ही है जो दुश्मन देशों को जोड़ने का काम कर रही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि प्रयागराज में रूस और यूक्रेन के लोग सारे बैर भुला आस्था की डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं। एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग है। वहीं दूसरी तरफ भारत के संगम तट पर दोनों देशों से आए लोग एक साथ भक्ति में लीन नजर आ रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कुंभ ने सभी को एक कर दिया है।
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एएनआई से बात करते हुए रूस के एक भक्त ने एकता और शांति का संदेश साझा किया और कहा कि सभा में विभिन्न राष्ट्रीयताओं के भिक्षु मौजूद हैं। भक्त ने कहा मैं यहां रूस से आई हूं और मेरी गुरु मां यूक्रेन से आई हैं। मेरी कई गुरु बहनें और भाई रूस, यूक्रेन, कजाकिस्तान, यूरोप और अमेरिका जैसे देशों से आए हैं। हम सभी इस शुभ दिन पर महाकुंभ में गंगा स्नान करने के लिए यहां आए थे। जैसा कि हम जानते हैं, सभी देवता और दिव्य शक्तियां गंगा जल में स्नान करने आती हैं, इसलिए हम उनके उदाहरण का अनुसरण करते हैं। यह दुनिया में लोगों का एक बड़ा जमावड़ा है। यह अब तक का सबसे बड़ा त्योहार है और हम सभी यहां साधु के रूप में आते हैं। चाहे वह महिला हो या पुरुष रूसी-यूक्रेनी या भारतीय हम सभी यहां हैं… हम सभी सनातन धर्म का पालन करते हैं।
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मतलब रूस यूक्रेन के नेता भले ही एक दूसरे को फूटी आंख न सुहाते हो। लेकिन महाकुंभ में दोनों देशों के लोग एक साथ भक्ति के रस में डूबे हुए नजर आ रहे हैं। रूस, यूक्रेन, फ्रांस सहित कई अन्य देशों से लोग भारत के इस महाकुंभ में आए हैं और हर कोई शांति, मोक्ष और आध्यात्म की तलाश में हैं। विदेशों से आए लोग भारतीय परिधान में नजर आ रहे हैं। यहां पहुंच कर सभी लोग भक्ति भावना में लीन हैं। हेर रामा, हरे कृष्णा जैसे गीतों पर खूब नृत्य भी कर रहे हैं। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार का अनुमान है कि इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे। आगंतुकों के समुद्र के बीच, विभिन्न ‘बाबा’ खड़े होते हैं, खासकर वे जो अपनी विशिष्ट पहचान रखते हैं।
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