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बलूचिस्तान, भारत और तालिबान ने एक साथ पाकिस्तान को जड़ा तमाचा, अपने ही देश के सैनिकों के शव के साथ किया गंदा खेल

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ऐलान किया है कि बुजदिल पाकिस्तान ने अपने ही सैनिकों के साथ मक्कारी की है। पाकिस्तान इतना मक्कार देश है कि वो जंग में मारे गए सैनिकों को इज्जत से दफनाता तक नहीं है। एक बार तो भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैनिकों को दफनाया था। आपको बता दें कि बलूचिस्तान, भारत और तालिबान ने एक साथ पाकिस्तान को तमाचा जड़ा है। दरअसल, पाकिस्तान ने अपनी बदनामी छुपाने के लिए एक साथ तीन झूठ बोले। पाकिस्तान ने बयान जारी किया कि उसने 21 बलूचों को मारकर ट्रेन हाईजैक खत्म कर दिया है। इसके बाद पाकिस्तान ने इस ट्रेन हाईजैक का झूठा आरोप भारत और अफगानिस्तान के तालिबान पर लगा दिया। लेकिन भारत और तालिबान ने पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि ये सरासर झूठ है। भारत और तालिबान ने कहा कि दूसरे पर आरोप लगाने से पहले पाकिस्तान को अपने अंदर झांक लेना चाहिए। इसके बाद बारी आई बलूचिस्तान की बारी आई।

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बलूचों ने पाकिस्तान के सबसे बड़े झूठ को बेनकाब कर दिया है। बलूचों ने कहा है कि हमने पाकिस्तान के 100 से ज्यादा सैनिकों को मार दिया और अभी भी पाकिस्तान के कई सैनिक हमारे कब्जे में हैं। जबकि पाकिस्तान ये खबरें फैला रहा है कि उसने ऑपरेशन खत्म कर दिया है। पाकिस्तान के पास ऐसा कोई सबूत नहीं है, जिससे ये साबित हो सके कि उसने ट्रेन को रेस्क्यू करवा लिया है। पाकिस्तान की सेना अभी तक मारे गए बलूचों के नाम और फोटो तक जारी नहीं कर पाई है।  जबकि बलूचिस्तान ने पाकिस्तान के एक-एक सैनिक का नाम और उनकी जानकारियां जारी कर दी। यानी ये साफ है कि पाकिस्तान ने बलूचों द्वारा मारे गए अपने सैनिकों को पहचानने से ही मना कर दिया है। पाकिस्तान अपने ही देश के सैनिकों के शव लेने से मना कर रहा है। 

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जो पाकिस्तानी जवान अपने देश के लिए लड़ते हैं। उन्हीं का देश उन्हें अंतिम विदाई तक नहीं दे रहा। लेकिन आपको बता दें कि ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने ऐसा कुछ किया है। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी ठीक ऐसा ही हुआ था।  कारगिल युद्ध के दौरान भी पाकिस्तान अपने सैनिकों के शवों को उठाने नहीं आया था। भारत ने तब पाकिस्तान से कहा था कि वो अपने सैनिकों के शवों को ले जाए। लेकिन पाकिस्तान ने मना कर दिया। इसके बाद भारतीय सैनिकों ने पूरे सैन्य सम्मान के साथ पाकिस्तानी सैनिकों को दफनाया था। वहां से आई तस्वीरों ने भारत और पाकिस्तान की सेना के असली फर्क को दिखाया था। 

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