पहलगाम में जो नरसंहार हुआ उसके बाद भारत बदला लेने की तैयारी कर रहा है। बदला सर्जिकल स्ट्राइक, एयरस्ट्राइक के जैसा होगा या फिर इससे बहुत बड़ा होगा। इसका अंदाजा इस बात से लगा लीजिए कि आईएनएस विक्रांत 18 फाइटर जेट लेकर समुद्र में उतर चुका है। सेना का डिप्लायमेंट लगातार बॉर्डर पर हो रहा है। सेना के प्रमुख खुद पहलगाम पहुंच चुके हैं और राज्यपाल के साथ सीएम से बात की। साथ गृह मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री से बात की और राष्ट्रपति के पास गृह मंत्री और विदेश मंत्री एक लाल रंग की फाइल लेकर गए। जिसमें क्या था ये अब तक पता नहीं चल पाया है। मतलब बदला तो इस बार भारत का ऐसा होगा कि पाकिस्तान पानी नहीं मांगेंगा। लेकिन इस हमले से पहले ही पाकिस्तान को अब अपनी गलती का अहसास होने लगा है और वो आतंकवाद को प्रायोजित किए जाने का ठीकरा अमेरिका पर फोड़ने लग गया है।
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पाकिस्तान को इस बात का अहसास होने लगा है। वहां के मंत्री अमेरिकी चैनल स्काई न्यूज पर बैठकर कह रहे हैं कि हम 30 साल से टेररिज्म को सपोर्ट और फाइनैंस अमेरिका के लिए कर रहे हैं। ब्रिटेन के स्काई न्यूज के साथ बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से जब ये पूछा गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस संकटको सुलझाने के लिए मदद में शामिल होना चाहिए तो आसिफ ने कहा कि निश्चति रूप से वो विश्व शक्ति का नेतृत्व कर रहे हैं। एकमात्र विश्व शक्ति हैं। वो दुनियाभर में अलग अलग फ्लैश प्वाइंट पर अलग अलग पार्टियों से बात कर रहे हैं। ये भी एक प्लैश प्वाइंट है, जिसमें दो परमाणु शक्तियां एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं। मुझे लगता है कि स्थिति पर ध्यान दिया जाना चाहिए और विश्व शक्ति हस्तक्षेप कर सकती है तो इस स्थिति में किसी तरह की समझदारी लाई जा सकती है तो ये अच्छा होगा।
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जिस चीन के भरोसे पाकिस्तान इतना उछल रहा था उसने उसे तगड़ा झटका दे दिया है। चीन का कहना है कि ग्लोबल साउथ को अपने सुरक्षातंत्र की जरूरत है। चीन कह रहा है कि भारत रूस और चीन नए सुपरपावर हैं। चीन का कहना है कि भारत, रूस और चीन का एक साथ आना पश्चिमी देशों के प्रभुत्व को खत्म कर देगा और एक नए बहुध्रुवीय विश्व का निर्माण करेगा। इससे पहले अमेरिकी की तरफ से तुलसी गबार्ड ने जोर देकर कहा है कि भारत इस्लामिक टेररिज्म के खिलाफ जंग लड़ रहा है। हम पूरी तरह उसके साथ हैं। तुलसी गबार्ड चाहती तो टेररिज्म लिख सकती थी। लेकिन उन्होंने जानबूझकर अपने ट्वीट में इस्लामिक टेररिज्म का नाम लिया है।
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पहलगाम आतंकी हमले की दुनिया भर में भर्त्सना हो रही है। इस मामले में आतंक के खिलाफ एकजुटता जताने के लिहाज से दुनिया के छोटे बड़े कई देशों से भारत को समर्थन मिल रहा है। ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर और नीदरलैंड के पीएम डिक स्कोफ ने भी मोदी से बात की। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि पीएम स्टार्मर ने भारतीय धरती पर हुए जघन्य आतंकी हमले में मारे गए मासूम लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जाहिर की। वहीं नीदरलैंड के पीएम के पीएम स्कोफ ने टेलीफोन पर पीएम मोदी के साथ हुई बातचीत में आतंकी हमले पर संवेदना जाहिर की। वहीं पीएम मोदी ने समर्थन और एकजुटता के लिए पीएम स्कोफ को शुक्रिया कहा। इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी पीएम मोदी के साथ बातचीत कर कहा कि दुख की इस घड़ी में फ्रांस भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने भी पीएम से फोन पर बात की। अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने सोशल मीडिया में ट्वीट कर एकजुटता जाहिर की।