पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि भारत के साथ तनाव के बीच उनकी सेना द्वारा दूसरा मिसाइल परीक्षण किए जाने के बाद देश की रक्षा मजबूत हाथों में है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने एक बयान में कहा कि सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण से स्पष्ट है कि पाकिस्तान की रक्षा मजबूत हाथों में है। शहबाज शरीफ ने कहा कि वह सेना की राष्ट्रीय रक्षा के लिए पूरी तैयारी से संतुष्ट हैं। पाकिस्तान की सेना ने बताया कि चल रहे अभ्यास INDUS के तहत 120 किलोमीटर की रेंज वाली सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण किया गया। सेना ने एक बयान में कहा कि इस प्रक्षेपण का उद्देश्य सैनिकों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना और मिसाइल की उन्नत नेविगेशन प्रणाली और बढ़ी हुई सटीकता सहित प्रमुख तकनीकी मापदंडों को मान्य करना था।
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यह शनिवार के बाद दूसरा ऐसा परीक्षण है, जब पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली का परीक्षण किया था, जिसकी मारक क्षमता 450 किमी है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने की इस्लामाबाद की योजना एक उकसावे भरी कार्रवाई है। जम्मू एवं कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। यह हमला 2019 के पुलवामा बम विस्फोट के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से एक है। भारत ने हमले के अपराधियों को पकड़ने की कसम खाई है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की है, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में भूमि सीमा पार करना बंद करना और राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है।
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भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी प्रकार के वीजा भी रद्द कर दिए और उन्हें 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया। भारत ने पाकिस्तान एयरलाइंस द्वारा संचालित उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र भी बंद कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने की घोषणा की, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी भी तीसरे देश से आने-जाने वाले व्यापार भी शामिल हैं और भारतीय एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोक दिया। पाकिस्तानी सेना पिछले 10 दिनों से लगातार सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल से शीर्ष सरकारी अधिकारियों और सैन्य नेताओं के साथ कई हाई-प्रोफाइल बैठकें की हैं।