भारत की दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली शानदार वनडे सीरीज जीत के बाद व्हाइट-बॉल क्रिकेट में बल्लेबाजी क्रम को लेकर एक नई चर्चा शुरू हो गई है। मौजूद जानकारी के अनुसार, भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने मैच के बाद कहा कि वनडे क्रिकेट में ओपनिंग जोड़ी को छोड़कर बाकी बैटिंग ऑर्डर को लेकर बहुत ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है और यह अवधारणा “ओवररेटेड” हो चुकी है। गंभीर का मानना है कि टीम को सिर्फ अपनी खेल शैली और टेम्पलेट साफ रखना चाहिए, बाकी बल्लेबाज स्थिति के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं।
गौरतलब है कि गंभीर के इस बयान का समर्थन पूर्व दक्षिण अफ्रीकी दिग्गज एबी डिविलियर्स ने भी किया है। उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि वे इस विचार से काफी हद तक सहमत हैं, क्योंकि वनडे क्रिकेट में फ्लोटिंग बैटिंग लाइनअप टीम को अप्रत्याशित बनाता है। उन्होंने कहा कि टीम राइट-लेफ्ट कॉम्बिनेशन, मैच की स्थिति और गेंदबाजों के आधार पर क्रम में बदलाव कर सकती है, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि खिलाड़ियों की भूमिका को लेकर अत्यधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए।
डिविलियर्स ने इस दौरान भारतीय टीम की हाल की फॉर्म की भी जोरदार प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले 31 टी20 मैचों में 27 जीत हासिल की हैं, जो किसी भी टीम के लिए असाधारण उपलब्धि है। उनके अनुसार, यह भारतीय क्रिकेट की गहराई और प्रतिभा का प्रमाण है, क्योंकि टीम लगातार नए खिलाड़ियों को मौके देती है और फिर भी जीत का सिलसिला जारी रहता है।
भारतीय टीम की इसी गहराई ने हाल के महीनों में टीम चयन को लेकर कुछ नई चुनौतियां भी खड़ी की हैं। बता दें कि संजू सैमसन और अभिषेक शर्मा ने टी20 विश्व कप 2024 के बाद ओपनिंग में शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन शुभमन गिल की वापसी के बाद सैमसन को नीचे बल्लेबाजी करनी पड़ी या कई मैचों में टीम से बाहर रहना पड़ा।
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने भी गंभीर के विचारों को समर्थन देते हुए कहा कि टीम की संरचना साफ है ओपनर्स तय रहेंगे और बाकी बल्लेबाजों को 3 से 6 के बीच कहीं भी खेलने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैमसन ने ओपनिंग में बेहतरीन खेल दिखाया था, लेकिन गिल ने श्रीलंका सीरीज में पहले खेला था और इसलिए उनका चयन जायज़ था।
कुल मिलाकर, भारतीय टीम का यह बदलता हुआ नजरिया आधुनिक वनडे और टी-20 क्रिकेट की मांगों के अनुरूप है। गंभीर और डिविलियर्स जैसे बड़े दिमागों का एकमत होना बताता है कि अब कठोर बैटिंग ऑर्डर की जगह लचीला और रचनात्मक दृष्टिकोण ही टीमों को आगे ले जा रहा है।