पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में एसेम्बली भंग किये जाने के 90 दिनों के अंदर चुनाव कराने के चुनाव आयोग के आदेश के बाद इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने बुधवार को अपनी ‘जेल भरो तहरीक (गिरफ्तारियां देने का आंदोलन) निलंबित कर दी।
पीटीआई ने देश में समयपूर्व आम चुनाव की स्थिति उत्पन्न करने की अपनी कोशिश के तहत 14 और 18 जनवरी को क्रमश: पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा भंग कर दी थीं।
प्रधान न्यायाधीश अता बंदियाल की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया जिससे इन दोनों प्रांतों में चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया है। फिलहाल इन प्रांतों में अंतरिम सरकार सत्तासीन है।
अदालत ने यह भी व्यवस्था दी कि नौ अप्रैल को चुनाव कराने का राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का आदेश खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा के लिए नहीं लेकिन पंजाब विधानसभा के लिए बाध्यकारी होगा। उसने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा को गवर्नर ने भंग किया था जबकि पंजाब विधानसभा के सिलसिले में ऐसा नहीं हुआ था।
खान ने ट्वीट किया , ‘‘ हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। संविधान को अक्षुण्ण रखना उच्चतम न्यायालय की जिम्मेदारी है और उसने आज अपने फैसले के मार्फत उसे बड़ी बहादुरी से किया है। यह पाकिस्तान में कानून के शासन को अभिपुष्टि है। हम अपना जेल भरो आंदोलन निलंबित कर रहे हैं और हम खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब में चुनाव अभियान के साथ आगे बढ़ेंगे।’’
क्रिकेट से राजनीति में आये इमरान के अब तक600 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। पिछले दो दिनों में ही 280 कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए।
खान ने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन, संविधान के दुरूपयोग और आर्थिक संकट का आरोप लगाते हुए 22 फरवरी को लाहौर से ‘जेल भरो तहरीक’ शुरू की थी।
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