नॉर्वे के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने 15 रूसी दूतावास के अधिकारियों को निष्कासित करने का फैसला किया था। नॉर्वे की तरफ से कहा गया कि वे राजनयिक पदों की आड़ में काम करने वाले खुफिया अधिकारी थे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार का फैसला यूरोप में बदली हुई सुरक्षा स्थिति के जवाब में है, जिसके कारण रूस से खुफिया खतरा बढ़ गया है। संबंधित अधिकारियों को जल्द ही नॉर्वे छोड़ देना चाहिए। रॉयटर्स द्वारा संपर्क किए जाने पर ओस्लो में रूसी दूतावास तुरंत टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं था।
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नॉर्वे के विदेश मंत्री एनीकेन ह्यूटफेल्ट ने कहा कि नाटो सैन्य गठबंधन का सदस्य नॉर्वे आर्कटिक में रूस के साथ सीमा साझा करता है। यह नॉर्वे में रूसी खुफिया गतिविधि का मुकाबला करने और उसके स्तर को कम करने और इस प्रकार हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। हाल ही में फिनलैंड को नाटों में एंट्री मिली है। इसके साथ ही रूस से लगती नाटो देशों की सीमा 2500 किलोमीटर लंबी हो गई है। यही नहीं एक और पड़ोसी देश स्वीडन भी नाटो में शामिल होना चाहता है।
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बता दें कि नाटो देशों को लेकर रूस अपनी चिंता जताता रहा है। उसका कहना है कि पड़ोसी देशों को नाटो में लेकर अमेरिका उसकी सुरक्षा को खतरा पैदा कर रहा है। दरअसल नाटो के नियमों के मुताबिक किसी भी सदस्य देश पर हमले की स्थिति में सभी मिलकर जवाब देते हैं।