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कुख्यात अपराधियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी पेशी

राजस्थान पुलिस ने राज्य के विभिन्न जेलो में बंद कुख्यात अपराधियों की अदालत में पेशी वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से करवाने का फैसला किया है। उच्चस्तरीय बैठक में यह फैसला बुधवार को भरतपुर में पेशी पर ले जाये जा रहे दो आरोपियों पर हमले की घटना के बाद किया गया है जिसमें एक की मौत हो गई थी।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि प्रमुख शासन सचिव आनंद कुमार की अध्यक्षता में यहां एक उच्च स्तरीय बैठक हुई।
बैठक में सेंट्रल जेल जयपुर में निरुद्ध बंदी कुलदीप सिंह और विजयपाल को पुलिस अभिरक्षा में कोर्ट में पेशी के लिए भरतपुर भिजवाने के दौरान अमोली टोल प्लाजा पर फायरिंग की घटना पर विचार विर्मश किया गया और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के बारे में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए।

इन निर्देशों के अनुसार महानिदेशक जेल विभाग, महानिदेशक पुलिस राजस्थान से समन्वय स्थापित कर जिला स्तर पर एक कमेटी गठित करेंगे।
गठित कमेटी हार्डकोर बदमाशो, संगठित गिरोह और गंभीर धाराओं में बंद अपराधियों जिन्हें पेशी पर ले जाने के दौरान जानलेवा हमला होने या फिर कानून व्यवस्था बिगड़ने की संभावना हो, उन्हें चिन्हित कर सूची तैयार करेंगे। सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसे अपराधियों की अदालत में पेशी उच्च सुरक्षा जेल अजमेर की तर्ज पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से करवाई जाएगी।

व्यक्तिगत पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं होने या कोर्ट के आदेशों की पालना में ही होगी।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने बताया कि भरतपुर जिले के अमोली टोल प्लाजा पर हुई गोलीबारी की घटना की जांच महानिरीक्षक अपराध प्रफुल्ल कुमार को सौंपी गई है। आईजी प्रफुल्ल कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अपराध नरोत्तम वर्मा के साथ भरतपुर पंहुच गए हैं।

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