भारतीय टीम शुक्रवार को जब यहां एफआईएच पुरूष हॉकी प्रो लीग मुकाबले में विश्व चैम्पियन जर्मनी के सामने होगी तो उसकी निगाहें नयी शुरूआत करने पर लगी होगी।
स्टार ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में भारतीय टीम जनवरी में हुए विश्व कप के अंतिम 16 से बाहर हो गयी थी।
टूर्नामेंट में छह गोल से संयुक्त तीन शीर्ष स्कोरर में से एक भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘इस चरण में प्रत्येक मैच हमारे लिये चुनौतीपूर्ण है, विशेषकर तब जब प्रतिद्वंद्वी टीमें आस्ट्रेलिया और जर्मनी हों। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह हमारे लिए अच्छा है कि हमें इतने चुनौतीपूर्ण मैच खेलने को मिल रहे हैं क्योंकि हमारा ध्यान एशियाई खेलों पर लगा है। इसलिये हम सुनिश्चित करेंगे कि हम इस तरह के मैच खेलकर बतौर टीम सुधार करें और भविष्य में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। ’’
विश्व कप में भारत ने सर्कल के अंदर कई बार सेंध लगायी लेकिन इनका इस्तेमाल नहीं कर पाया।
उन्होंने कहा, ‘‘बेंगलुरू में शिविर में हमने इसके बारे में बात की और इस पर काम किया। ’’
ग्राहम रीड के टीम से अलग होने के बाद यह भारत का पहला मैच है। क्रेग फुल्टन को टीम का कोच नियुक्त किया गया लेकिन इस दक्षिण अफ्रीकी के मैचों के बाद टीम से जुड़ने की संभावना है।
अंतरिम कोच डेविड जॉन और बीजे करियप्पा चार मैचों में टीम की जिम्मेदारी संभालेंगे।
विश्व कप की निराशा के बाद भारत ने सीनियर खिलाड़ी मंदीप सिंह, आकाशदीप सिंह और अमित रोहिदास को टीम से बाहर कर दिया जबकि गोलकीपर कृष्ण पाठक अपनी शादी के कारण इन मैचों में नहीं खेल पायेंगे।
उप कप्तान बनाये गये हार्दिक सिंह ने कहा कि भारत अपनी रणनीति में थोड़ा बदलाव करेगा लेकिन मूल रणनीति वही रहेगी।
भारत अंक तालिका में अभी चौथे स्थान पर है जबकि जर्मनी आठ अंक से पाचवें स्थान पर है।
विश्व कप जीतने के बाद जर्मनी की टीम आत्मविश्वास से लबरेज होगी और मैट्स ग्रामबुश की अगुआई में इसी फॉर्म को जारी रखना चाहेगी।