Breaking News

Lakshya Sen को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, बैडमिंटन खिलाड़ी के खिलाफ प्रमाण पत्र को लेकर हुई थी FIR

सुप्रीम कोर्ट ने जन्म प्रमाण पत्र जालसाजी मामले में भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, उनके परिवार के सदस्यों और कोच के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी सोमवार को रद्द कर दी है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने कहा कि सेन के खिलाफ अपराधिक कार्रवाई जारी रखना अनुचित है। ये अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग है।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कर्नाटक सरकार और शिकायकर्ता एमजी नागराज को नोटिस जारी किया था। जिन्होंने आरोप लगाया था कि लक्ष्य सेन और उनके भाई चिराग सेन के जन्म प्रमाण पत्र जाली थे। वह कर्नाटक हाई कोर्ट के 19 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वालीयाचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने सेन, उनके परिवार के सदस्यों और उनके कोच विमल कुमार द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि प्रथम दृष्टया मामले में जांच के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। ये मामला नागराज द्वारा दायर एक निजी शिकायत के बाद सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सेन के माता-पिता धीरेंद्र और निर्मला सेन, उनके भाई, कोच और कर्नाटक बैडमिंटन संघ के एक कर्मचारी मिलकर उनके जन्म प्रमाण पत्र में हेरफेर की थी।

शिकायकर्ता ने आरोप लगाया कि टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए जन्म प्रमाण पत्र जाली बनाए गए थे। उन्होंने अपने तर्क के समर्थन में सूचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त कुछ दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। 2022 में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468 और 471 रिकॉर्ड को असली के रूप में इस्तेमाल करने के तहत मामला दर्ज किया था। हालांकि, कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद जांच पूरी नहीं हो पाई।

Loading

Back
Messenger