बेंगलुरू । स्मृति मंधाना और कप्तान हरमनप्रीत कौर के शतक से भारत ने बड़े स्कोर वाले दूसरे महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में बुधवार को यहां दक्षिण अफ्रीका को चार रन से हराकर तीन मैच की श्रृंखला में 2-0 की विजयी बढ़त बना ली। भारत के 326 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम कप्तान लॉरा वोलवार्ट (135 रन, 135 गेंद, 12 चौके, तीन छक्के) और मारिजेन कैप (114 रन, 94 गेंद, 11 चौके, तीन छक्के) के बीच चौथे विकेट की 184 रन की साझेदारी के बावजूद 50 ओवर में छह विकेट पर 321 रन ही बना सकी। वोलवार्ट ने अंत में नेदिन डि क्लर्क (28) के साथ पांचवें विकेट के लिए 41 गेंद में 69 रन जोड़े लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सकीं।
भारत की तरफ से पूजा वस्त्राकर ने 54 जबकि दीप्ति शर्मा ने 56 रन देकर दो-दो विकेट चटकाए। भारत ने इससे पहले मंधाना (136) और हरमनप्रीत (नाबाद 103) के शतक और दोनों के बीच तीसरे विकेट की 171 रन की साझेदारी से तीन विकेट पर 325 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। यह पहला महिला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबला है जिसमें चार शतक जड़े गए। मंधाना ने अपने लगातार दूसरे और कुल सातवें एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक के दौरान 120 गेंद में 18 चौके और दो छक्के मारे। हरमनप्रीत अपने छठे शतक के दौरान 88 गेंद का सामना करते हुए नौ चौके और तीन छक्के जड़े। लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका ने चौथे ओवर में ही टैजमिन ब्रिट्स (05) का विकेट गंवा दिया जिन्हें अरुंधति रेड्डी ने बोल्ड किया।
सलामी बल्लेबाज वोलवार्ट और एनेके बॉश (18) ने टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया। बॉश 15 रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहीं जब दीप्ति की गेंद पर आशा शोभना ने उनका कैच टपका दिया। बॉश हालांकि इस जीवनदान का फायदा नहीं उठा सकीं और दीप्ति की ही गेंद पर जेमिमा रोड्रिग्ज को आसान कैच दे बैठीं। मंधाना ने अपनी कामचलाऊ ऑफ स्पिन गेंदबाजी से सुने लूस (12) को दूसरी ही गेंद पर विकेटकीपर रिचा घोष के हाथों कैच कराया। यह मंधाना का पहला अंतरराष्ट्रीय विकेट है। वोलवार्ट और मारिजेन की अनुभवी जोड़ी ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया। मारिजेन शुरू से ही अच्छी लय में नजर आई और उन्होंने कुछ आकर्षक शॉट खेले जिसमें मंधाना पर जड़ा छक्का भी शामिल है। दोनों ने 21वें ओवर में टीम के रनों का शतक पूरा किया।
वोलवार्ट ने वस्त्राकर पर चौके के साथ 69 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। वह साथ ही महिला एकदिवसीय क्रिकेट में 4000 अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाली अपनी देश की पहली खिलाड़ी बनीं। मारिजेन ने भी राधा यादव की गेंद पर एक रन के साथ 53 गेंद में 16वां अर्धशतक पूरा किया। मारिजेन ने अर्धशतक पूरा करने के बाद तीखे तेवर दिखाए और दीप्ति की गेंद पर दो रन के साथ सिर्फ 85 गेंद में शतक पूरा किया। दक्षिण अफ्रीका को अंतिम 10 ओवर में जीत के लिए 103 रन की दरकार थी। वोलवार्ट ने शेफाली वर्मा पर छक्का मारा। मारिजेन ने भी दीप्ति पर छक्का जड़ा लेकिन एक गेंद बाद इसी शॉट को दोहराने की कोशिश में लॉन्ग ऑफ बाउंड्री पर वस्त्राकर के हाथों लपकी गईं। वोलवार्ट ने आशा की गेंद पर एक रन के साथ 119 गेंद में शतक पूरा किया और फिर लगातार गेंदों पर छक्का और चौका मारा। दक्षिण अफ्रीका को अंतिम पांच ओवर में 54 रन की जरूरत थी। शेफाली और दीप्ति ने अपने ओवरों में आठ-आठ रन दिए जबकि वोलवार्ट ने वस्त्राकर के ओवर में चौके और छक्के से 15 रन जुटाए।
अरुंधति के 49वें ओवर में क्लर्क के छक्के सहित 12 रन बने। वस्त्राकर को अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 11 रन बनाने से रोकना था। उन्होंने क्लर्क और शेनगेस (00) को लगातार गेंदों पर आउट किया। वोलवार्ट को जीत के लिए अंतिम गेंद पर पांच रन की जरूरत थी लेकिन यह गेंद खाली गई और भारत ने जीत दर्ज की। इससे पहले वोलवार्ट ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। नई गेंद की गेंदबाजों अयाबोंगा खाका और मसाबाता क्लास को आसमान में छाए बादलों के बीच अच्छा उछाल और मूवमेंट मिल रहा था। खाका ने मंधाना को लगातार दो मेडन फेंककर शुरुआत की। शेफाली ने क्लास पर पुल शॉट से चौका जड़कर छठे ओवर में पारी की पहली बाउंड्री लगाई।
वह हालांकि 20 रन बनाने के बाद बाएं हाथ की स्पिनर नोनकुलुलेको मलाबा (51 रन पर दो विकेट) की गेंद पर क्लास को कैच दे बैठीं। मंधाना और डायलन हेमलता (24) ने दूसरे विकेट के लिए 62 रन जोड़कर पारी को संभाला। हेमलता ने बाएं हाथ की स्पिनर नोनदुमिसो शेनगेस पर दो छक्के मारे लेकिन क्लास को स्लॉग स्वीप करने की कोशिश में एनेके बॉश को कैच दे बैठीं। कप्तान हरमनप्रीत के क्रीज पर उतरने के बाद भारतीय टीम की रन गति में इजाफा हुआ। मंधाना इस बीच भाग्यशाली रही जब 69 रन के स्कोर पर शेनगेस की गेंद पर खाका ने उनका कैच टपका दिया। मंधाना ने शेनगेस पर लगातार तीन चौके सहित छह गेंद में पांच चौकों के साथ 90 रन के स्कोर को पार किया। हरमनप्रीत का कैच भी 41 रन के स्कोर पर क्लास ने अपनी ही गेंद पर छोड़ा। उन्होंने क्लास को निशाना बनाते हुए उनकी लगातार गेंदों पर चौका और छक्का मारा। मंधाना ने सुने लूस की गेंद पर एक रन के साथ 103 गेंद में शतक पूरा किया जबकि हरमनप्रीत अंतिम ओवर में क्लास पर चौके के साथ तिहरे अंक में पहुंची। भारतीय टीम अंतिम 10 ओवर में 118 रन जुटाने में सफल रही।