सऊदी अरब सरकार खाड़ी क्षेत्र में दुनिया की सबसे अमीर टी20 लीग स्थापित करने की योजना बना रही है, और उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग के मालिकों के लिए इस बारे में योजनाओं का प्रस्ताव दिया है। सऊदी अरब इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भी साधने की कोशिश कर रहा है। सऊदी अरब सरकार सक्रिय रूप से कई खेलों में निवेश कर रही है। फुटबॉल और फॉर्मूला 1 जैसे अन्य खेलों में भारी निवेश करने के बाद, सऊदी अरब अब क्रिकेट में निवेश करने पर विचार कर रहा है। लगभग एक साल से बातचीत चल रही है, लेकिन कुछ भी ठोस होने से पहले, लीग को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा स्वीकृत करने की आवश्यकता होगी।
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सऊदी अरब का यह प्लान अमल में आता है तो बीसीसीआई की टेंशन बढ़ सकती है। आईपीएल पर भी इसका असर पड़ेगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सऊदी अरब क्रिकेट के माध्यम से भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना चाहता है, और सऊदी अरब को वर्ष 2030 तक भारतीयों के लिए नंबर 1 पर्यटन स्थल बनने की उम्मीद करता है। सऊदी अरब क्रिकेट फेडरेशन के अध्यक्ष प्रिंस सऊद बिन मिशाल अल-सऊद ने पिछले महीने बताया था कि हमारा उद्देश्य किंगडम में रहने वाले स्थानीय लोगों और प्रवासियों के लिए एक स्थायी उद्योग बनाना और सऊदी अरब को एक वैश्विक क्रिकेट हब बनाना है। आपको बता दें कि विजिट सऊदी IPL के स्पॉन्सर्स में शामिल है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के वर्तमान नियमों के तहत, भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी T20 लीग में भाग लेने की अनुमति नहीं है, और सऊदी अरब सरकार के प्रतिनिधियों के उनके सबसे अमीर T20 लीग के प्रस्ताव को लेकर BCCI को नियम में सुधार के लिए राजी होना पड़ सकता है। इसको लेकर बोर्ड के सूत्रों ने साफ तौर पर कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को रिलीज करने का कोई सवाल ही नहीं है। वास्तव में इस सवाल का आधार ही गलत है।