पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली आज यानी की 05 दिसंबर को अपना 84वां जन्मदिन मना रहे हैं। गजल एक ऐसी चीज है, जिससे कभी कोई बोर नहीं होता है। फास्ट फॉरवर्ड गानों के बीच गजल एक अलग सुकून देता है। जिस तरह से भारत में जगजीत सिंह को गजल सम्राट कहा जाता था, उसी तरह से गुलाम अली को पाकिस्तान का गजल गायक कहा जाता है। उन्होंने देश-दुनिया में अपने गीत से लोगों के दिलों को छूने का काम किया है। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर गजल गायक गुलाम अली के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
संगीत का सफर
बता दें कि गुलाम अली ने बतौर बाल कलाकार रेडियो स्टेशन में अपने करियर की शुरुआत की थी। फिर वह अपनी गजलों के जरिए पूरी दुनिया में छा गए। आज भी उनकी गजलें क्लासिक हैं। वह गजल के लिए म्यूजिक कंपोज करते थे। इसके अलावा गुलाम अली ने पंजाबी गाने भी गाए हैं। गुलाम अली द्वारा गाए गए पंजाबी गाने भी बहुत फेमस हुए। पाकिस्तान से होने के बाद भी वह भारत में बहुत फेमस हुए थे। उन्होंने आशा भोसले के साथ ज्वॉइंट म्यूजिक एल्बम की थी।
गुलाम अली के भारत में भी बड़ी संख्या में प्रसंशक हैं। उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों के गानों के लिए अपनी आवाज दी है। इसमें ‘चुपके-चुपके रात दिन’, ‘हंगामा क्यों है बरपा’, ‘बिन बारिश बरसात’ और ‘हम तेरे शहर में आए हैं’ जैसे कई पॉपुलर गाने शामिल हैं।
सम्मान
वहीं साल 2013 में उनको बड़े गुलाम अली खान अवॉर्ड मिला था। यह सम्मान पाने वाले वह पहले शख्स थे। उन्होंने कहा था कि अवॉर्ड के लिए वह भारत सरकार के कर्जदार हैं। क्योंकि यह अवॉर्ड उनके गुरु के नाम पर है।
जानिए गुलाम अली नाम के पीछे की कहानी
गुलाम अली पटियाला घराने के पाकिस्तानी गजल गायक हैं। उनको अपने दौर के सबसे महान गजल गायकों में से एक माना जाता है। वह बड़े गुलाम अली खान के शिष्य रहे हैं। आपको बता दें कि गुलाम अली के पिता भी बड़े गुलाम अली खान के प्रसंशक थे। वह वजह रही कि उन्होंने अपने बेटे का नाम भी उन्हीं के नाम पर गुलाम अली रखा था। वहीं गुलाम अली के गजल गायकी का अंदाज अन्य गायकों से जुदा रहा। गुलाम अली अपनी गजल में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का संगम करते हैं।