राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मुंबई हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा की जांच कर रही है ताकि 2008 के नृशंस आतंकी हमलों के पीछे की बड़ी साजिश की जांच की जा सके। राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया है, जहां उस पर आत्महत्या की आशंका है। राणा को दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय के भीतर एक अत्यंत सुरक्षित सेल में रखा गया है और उस पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जा रही है। हिरासत में तहव्वुर राणा ने तीन मांगें कीं। उसने कुरान की एक प्रति, एक कलम और एक कागज मांगा। राणा को कुरान की एक प्रति, कलम और एक सॉफ्ट-टिप पेन मुहैया कराया गया है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वह खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए पेन का इस्तेमाल न करे।
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इस बीच सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तहव्वुर राणा अपने परिवार के लोगों से बातचीत करना चाहता है। राणा जांच एजेंसी से अपने भाई से बात कराने की प्रक्रिया के बारे में पूछ रहा है। वहीं, तहव्वुर राणा ने जांच एजेंसी से नॉनवेज यानी मांसाहारी खाने की मांग भी की है। हालांकि, राणा को तय नियमों के आधार पर ही खाना दिया जा रहा है। एनआईए की ओर से बताया गया है कि हिरासत में पूछताछ के दौरान तहव्वुर राणा जांच एजेंसी से सहयोग नहीं कर रहा है।
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पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को लॉस एंजिल्स के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। अमेरिका द्वारा उसके प्रत्यर्पण की सभी बाधाओं को दूर करने के बाद राणा को एक विशेष विमान से लाया गया। प्रत्यर्पण से बचने का राणा का आखिरी प्रयास विफल हो गया क्योंकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने उसके आवेदन को खारिज कर दिया। एनआईए की हिरासत में राणा से अधिकारियों की एक टीम पूछताछ कर रही है ताकि हमलों के पीछे उसकी वास्तविक भूमिका का पता लगाया जा सके। जांच एजेंसी द्वारा अपनी जांच के दौरान जुटाए गए विभिन्न सुरागों के आधार पर राणा से पूछताछ की जा रही है, जिसमें उसके और उसके सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी, जो वर्तमान में उस देश की जेलों में बंद हैं।