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कहीं ऐसा तो नहीं कि खबरें दबाने के लिए…मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट के फैसले पर बोले अखिलेश

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को पूछा कि क्या मालेगांव विस्फोट मामले के आरोपियों को बरी करने की खबर का मकसद अमेरिका द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बड़ी खबर को दबाना है। राष्ट्रीय राजधानी में पत्रकारों से बात करते हुए, अखिलेश यादव ने कहा, “मैंने रिपोर्ट नहीं पढ़ी, लेकिन इतनी बड़ी घटना में शामिल आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए। अमेरिका में इतनी बड़ी घटना हुई, क्या यह खबर उसे दबाने के लिए है? टैरिफ एक बड़ा सवाल है।” इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो बात आप समझ रहे हो वही मैं समझ रहा हूं। जो आप कहना नहीं चाहते वो मैं नहीं कह रहा। कहीं ऐसा तो नहीं कि खबरें दबाने के लिए खबर आ रही हो?। 
 

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भारत को चीन से भी खतरा है। उन्होंने कहा कि हमारा पड़ोसी देश हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा। भारत को चीन से भी बड़ा खतरा है। चीन हमारी ज़मीन और हमारा व्यापार भी छीन रहा है। सरकार को चीन से सावधान रहने की ज़रूरत है। मुंबई की एनआईए विशेष अदालत ने आज 2008 के मालेगांव विस्फोटों के सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल अकाउंट पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में 1 अगस्त से भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की। ट्रंप ने यह भी कहा कि रूस से तेल खरीदने पर भारत को अतिरिक्त दंड का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया। यह आश्चर्यजनक घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक दिन पहले ही भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि एक अमेरिकी व्यापार दल व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए 25 अगस्त से भारत का दौरा करेगा। 
 

इस घोषणा को भारत पर अमेरिका की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हाल ही में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अनुकूल व्यापार समझौते किए हैं। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में भारत की व्यापार नीतियों को ‘सबसे कठिन और अप्रिय’ बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से खरीद को लेकर ‘जुर्माना’ भी देना होगा।”

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