एयरफोर्स चीफ ए. पी. सिंह और आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने येलहंका एयरफोर्स स्टेशन से एलसीए तेजस में उड़ान भरी। एयरफोर्स चीफ ने तेजस फ्लाई किया और आर्मी चीफ उनके साथ थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि एयरफोर्स चीफ और आर्मी चीफ दोनों एक साथ तेजस में उड़े। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह दिखाता है कि आर्ड फोर्सेज को तेजस पर कितना भरोसा है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की एयरो स्पेस इंडस्ट्री तेजी से सही दिशा में आगे बढ़ रही है। मिसाइल बनाने में भी भारत की कई सक्सेस स्टोरी है।
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उन्होंने कहा कि मैं भारतीय वायुसेना का बहुत आभारी हूं और वायुसेना के पायलट जिस तरह की चुनौतियों को स्वीकार करते हैं उसके लिये मुझे उनकी प्रशंसा करनी चाहिए और इसके लिए हम सभी की ओर से एक महान तालमेलपूर्ण दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है और मुझे यकीन है कि यह एयरो इंडिया-2025 के लिए एक अच्छी शुरुआत है।” एलसीए तेजस एक भारतीय लड़ाकू विमान है जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) द्वारा डिजाइन किया गया है और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय नौसेना के लिए निर्मित किया गया है।
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डिफेंफ्रेंस सेक्रेटरी (प्रॉडक्शन) संजीव कुमार ने कहा कि एलसीए तेजस की सप्लाई में देरी हुई है, लेकिन अब प्रॉडक्शन लाइन स्थिर हो रही है। हमें भरोसा है कि 2025-26 से तेजस की सप्लाई ओरिजिनल प्लान के हिसाब से हो सकेगी। 2025-26 से हर साल 16-24 तेजस की प्रॉडक्शन कैपिसिटी होगी। हमारे अमेरिका के पार्टनर जोई इंजन की भी सप्लाई लाइन स्टेबलाइज हो जाएगी। उन्होंने कहा, भारत सरकार आत्मनिर्भरता को लेकर प्रतिबद्ध है। हम अपनी एनर्जी और रिसोर्स सिर्फ तेजस में ही नहीं, AMCA (एडवांस मिडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट) में भी लगा रहे है। साथ ही गैप भरने के लिए और अपनी ऑर्ड फोर्सेस को ऑपरेशनल रेडी रखने के लिए सभी ऑप्शन पर विचार कर रहे हैं।