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Ashoka University के एसोसिएट प्रोफेसर Ali Mahmoodabad ने ऑपरेशन सिंदूर पर की थी टिप्पणी, पुलिस ने किया गिरफ्तार

हरियाणा के सोनीपत में एक निजी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली महमूदाबाद को सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया है। भाजपा युवा मोर्चा के एक नेता की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की। अली के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
पुलिस ने क्या जानकारी दी
राई के सहायक पुलिस आयुक्त अजीत सिंह ने फोन पर कहा, ‘अली खान महमूदाबाद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।’ उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी कुछ टिप्पणियों के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
अली महमूदाबाद की गिरफ्तारी पर अशोका विश्वविद्यालय का बयान
अशोका विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को आज सुबह पुलिस हिरासत में लिया गया है। हम मामले की विस्तृत जानकारी जुटा रहे हैं।’ बयान में कहा गया, ‘विश्वविद्यालय जांच में पुलिस और स्थानीय अधिकारियों के साथ पूर्ण सहयोग करेगा।’
 

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हरियाणा राज्य महिला आयोग ने प्रोफेसर को नोटिस भेजा था
हरियाणा राज्य महिला आयोग ने इससे पहले एसोसिएट प्रोफेसर अली महमूदाबाद को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की गई टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा था। 12 मई को जारी नोटिस में आयोग ने महमूदाबाद के सार्वजनिक बयानों का स्वत: संज्ञान लिया है, जो सोनीपत के अशोका विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख हैं।
आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया ने कहा, ‘हम देश की बेटियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को सलाम करते हैं। लेकिन राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाले प्रोफेसर ने उनके लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है, मुझे उम्मीद थी कि वह कम से कम आज आयोग के सामने पेश होंगे और खेद व्यक्त करेंगे।’
 

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अली महमूदाबाद ने क्या टिप्पणियां की थी?
महमूदाबाद की टिप्पणियों को आयोग के नोटिस के साथ संलग्न किया गया था, जिनमें से एक में कहा गया था कि कर्नल कुरैशी की सराहना करने वाले दक्षिणपंथी लोगों को भीड़ द्वारा हत्या और संपत्तियों को ‘मनमाने ढंग से’ गिराए जाने के पीड़ितों के लिए सुरक्षा की मांग करनी चाहिए। एसोसिएट प्रोफेसर ने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को ‘दिखावटी’ बताया था। उन्होंने कहा था, ‘लेकिन दिखावटीपन को जमीनी हकीकत में बदलना चाहिए, नहीं तो यह सिर्फ पाखंड है।’
आयोग ने कहा कि महमूदाबाद की टिप्पणियों की प्रारंभिक समीक्षा से कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर सिंह समेत महिला सैन्य अधिकारियों के अपमान और भारतीय सशस्त्र बलों में पेशेवर अधिकारियों के रूप में उनकी भूमिका को कमतर आंकने के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं।
भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत छह मई की देर रात पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले किए थे। एसोसिएट प्रोफेसर ने बाद में कहा था कि आयोग ने उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से पढ़ा है। महमूदाबाद ने एक्स पर कहा था, ‘…मुझे आश्चर्य है कि महिला आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मेरे पोस्ट को इस हद तक गलत तरीके से पढ़ा और समझा कि उन्होंने उसका अर्थ ही बदल दिया।’

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