बॉम्बे हाईकोर्ट ने मीरा-भायंदर पुलिस कमिश्नरेट की पूरी टीम को फटकार लगाई, क्योंकि उसने पाया कि वरिष्ठ अधिकारी अपने कनिष्ठ सहकर्मियों को ‘सुनियोजित तरीके’ से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, मीरा रोड पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों द्वारा शारीरिक हमले के आरोपों की नए सिरे से जांच के आदेश दिए हैं। जस्टिस नितिन डब्ल्यू साम्ब्रे और सचिन एस देशमुख की बेंच ने कहा कि आप सुनियोजित तरीके से अपने अधिकारी को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। आपके एसीपी और डीसीपी इस मामले से इस तरह निपट रहे हैं।
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पीठ वी अनबीटेबल डांस ग्रुप की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें युवा पुरुष शामिल थे, जिन्होंने दावा किया था कि उनके पूर्व प्रबंधक ने उनसे 11.96 करोड़ रुपये ठगे हैं। अधिवक्ता श्रवण गिरी के माध्यम से दायर समूह की याचिका में मांग की गई थी कि पुलिस को प्रबंधक ओम प्रकाश चौहान और धोखाधड़ी से जुड़े कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि चौहान से पैसे मांगने पर एक पुलिस कांस्टेबल ने युवा नर्तकियों के साथ मारपीट की थी।
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उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद मीरा भयंदर पुलिस ने चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। हालांकि, जांच आगे नहीं बढ़ने पर मामला अपराध शाखा को सौंप दिया गया और फिर आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया, जिसने चौहान के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मीरा रोड पुलिस स्टेशन के पुलिस कांस्टेबल और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ डांस ग्रुप के सदस्यों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने के आरोप में अदालत के निर्देश पर विभागीय जांच की गई। जांच सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) द्वारा की गई और अदालत के समक्ष रिपोर्ट दाखिल की गई। अदालत ने रिपोर्ट का अध्ययन किया और टिप्पणी की कि नर्तकियों की शिकायतों पर गौर नहीं किया गया।