ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के अहमदाबाद, गुजरात स्थित कार्यालय में ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के प्रमुख मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में देश के एमएसएमई क्षेत्र एवं सामाजिक संगठनों के विकास हेतु एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय से हाल ही में सेवानिवृत्त हुए गुजरात के मुख्यमंत्री के पर्सनल सेक्रेटरी एव ऑफिसर ऑन स्पेशियल ड्यूटी (OSD) ए.बी.पंचाल, IAS एवं अंध कन्या प्रकाशगृह, मेमनगर के मुख्य ट्रस्टी राजन हरिवल्लभभाई पटेल विशेष रूप से उपस्थित थे। ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के सचिव चिंतनभाई मेहता भी इस बैठक में उपस्थित थे जिन्होंने पर्यावरण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इस बैठक में MSME सेक्टर, विशेषकर खादी ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग, जो सबसे अधिक रोजगार देनेवाले सेक्टर हैं उसका विकास कैसे किया जाए, इस पर विस्तृत चर्चा हुई। इसके अलावा कच्चे माल, विपणन केन्द्र, गुणवत्ता नियंत्रण और निर्यात पर अधिक ध्यान दिया गया। इस बैठक के दौरान डेयरी उद्योग पर भी जोर दिया गया, जो ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक रोजगार प्रदान करता है।आज गुजरात की बनास डेयरी जो प्रतिदिन औसतन १ करोड़ लीटर दूध का प्रसंस्करण करती है तथा प्रतिवर्ष करीब २५ से ३० हजार करोड़ रुपये मूल्य के दही, घी, मक्खन, पनीर जैसे दूध उत्पाद तैयार करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन एवं डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने पर भी विस्तृत चर्चा हुई और इसके लिए ए.बी.पंचाल साहब राज्य सरकार से परामर्श करके इस क्षेत्र में परिणामोन्मुखी कार्य हो सके इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। गुजरात एव देश में लघु उद्योगों के विकास के लिए रोडमैप बनाने और शिक्षित उद्यमियों को आगे लाने के लिए सरकार की कंसर्न अथॉरिटी से बात करने की भी इच्छा व्यक्त की गई। मगनभाई पटेल द्वारा गुजरात सरकार और केन्द्र सरकार को दिए गए देश के विकासोन्मुख प्रस्तुतीकरणों और सुझावों की भी समीक्षा की गई। इस बैठक के दौरान रो-मटीरियल के लिए रो-मटीरियल बैंक बनाने की संभावना पर भी जोर दिया गया अर्थात स्टील, कच्चा लोहा, कच्चा रबर, सिलिकॉन और फाउंड्री फ्लक्स जैसे रो-मटीरियल का व्यापार करनेवाली एक सोसायटी बनाई जाए ताकि छोटे और मध्यम आकार के उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण सामग्री उचित मूल्य पर मिल सके।इसके लिए कई वर्ष पहले गुजरात राज्य लघु उद्योग निगम का गठन किया गया था और इससे हजारों उद्योगों को राहत मिलती थी लेकिन कुछ समय बाद यह निगम बंध हो गया जिससे छोटे उद्योगों को छोटी मात्रा में माल खरीदने में आज भी दिक्कतें हो रही हैं।
इस बैठक में अहमदाबाद के मेमनगर क्षेत्र में स्थित सामाजिक संगठन अंध कन्या प्रकाशगृह के मुख्य ट्रस्टी राजन हरिवल्लभभाई पटेलने ऑल इंडिया MSME फेडरेशन के प्रमुख मगनभाई पटेल के साथ सामाजिक संगठनों की संरचना को मजबूत करने और अधिक से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल करके सामाजिक संगठनों को विकसित करने के तरीके पर भी चर्चा हुई। यहां बताना जरूरी है कि मेमनगर क्षेत्र में स्थित अंध कन्या प्रकाश गृह में वर्तमान में करीब १५० दृष्टिहीन लड़कियां रहती हैं और उनके रहने-खाने एव शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के साथ उनके स्वास्थ्य संबंधी मामलों का भी ध्यान रखा जाता है। गुजरात का यह अग्रणी संगठन दृष्टिबाधित लोगों के परिवारों को हर महीने मुफ्त राशन किट उपलब्ध कराता है। मगनभाई पटेल का परिवार अक्सर इस संगठन में आता है और वित्तीय सहायता प्रदान करता रहता है। जिसमे गत वर्ष मगनभाई पटेल की पुत्रवधू दीप्तिबेन जतिनभाई पटेल का जन्मदिन मनाया गया जिसमें संस्था की द्रस्टीबाधित बेटियोंने सुंदर गीत प्रस्तुत किये, जिसे सुनकर दीप्तिबेन एवं पूरा परिवार भावविभोर हो गया था। मगनभाई पटेल के परिवारने गौरी व्रत के अवसर पर संस्था की बेटियों को ड्राई फ्रूट्स एवं राशन के लिए करीब एक लाख रुपए की वित्तीय सहाय प्रदान कि थी। अभी हाल ही मे शांताबेन मगनभाई पटेल, जो करीब १८ बहनों का राधे सखी मंडल चलाती हैं, उन्होंने दिनांक १७.४.२०२५ को इस मंडल द्वारा इकत्र की गयी धनराशि रु. ४१, ००० इस संस्था की अंध बेटिओ की चिकित्सा सहायता हेतु प्रदान की गई। यहाँ बताना जरुरी है कि राधे सखी मंडल द्वारा प्रतिमाह एकत्रित धनराशि को गौशाला, अनाथालय, मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की संस्था, वृद्धाश्रम आदि को दान कर दिया जाता है।
इस संस्था में राजन हरिवल्लभभाई पटेल के साथ उनकी धर्मपत्नी शीलाबेन राजनभाई पटेल भी अपना समय दान कर इस संस्था को चलाने में सहयोग प्रदान करती हैं। जबकि इस दंपति का पुत्र व्यापार उद्योग से जुड़ा हुआ है।यहां बताना जरुरी है कि राजन हरिवल्लभभाई पटेल जो एक ज़माने में गुजरात के सबसे बड़े औद्योगिक समूह अंबिका मिल टेक्सटाइल ग्रुप, अहमदाबाद, गुजरात के जय कृष्ण हरिवल्लभभाई पटेल के भतीजे होने के बावजूद आज यह दंपति संस्था की द्रस्टी बाधित बेटिओ की देखभाल कर रहे है। अपनी निवृत्ति के समय मे राजनभाई और शीलाबेन ने कई संस्थाओं को आर्थिक सहयोग और समय दान देकर हमारे देश के बड़े उद्योगपतियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।