अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव के बीच, भारत और पाकिस्तान की नौसेनाएँ 11-12 अगस्त को अरब सागर में अलग-अलग फायरिंग अभ्यास करेंगी। जारी किए गए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) के अनुसार, भारतीय नौसेना गुजरात के पोरबंदर और ओखा तटों पर अभ्यास करेगी, जबकि पाकिस्तानी नौसेना ने इन्हीं तारीखों के लिए अपने जलक्षेत्र में अपना फायरिंग ज़ोन घोषित किया है। रक्षा अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि ऐसे अभ्यास नियमित होते हैं, लेकिन समय और निकटता लगभग 60 समुद्री मील की दूरी ने विश्लेषकों को चिंतित कर दिया है।
पहलगाम से ऑपरेशन सिंदूर तक
22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई। जवाबी कार्रवाई में, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जो तीनों सेनाओं का एक समन्वित अभियान था और पाकिस्तान के भीतर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकवादी ढाँचों को निशाना बनाया गया। इस अभियान में भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना द्वारा पाकिस्तानी रक्षा प्रतिष्ठानों पर सटीक हमले किए गए।
नौसेना का निर्माण और रणनीतिक संकेत
आगामी अभ्यास अरब सागर में नौसेना की बढ़ती गतिविधि और रणनीतिक रुख का संकेत देते हैं—यह क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय नौसेना के अभ्यास में कथित तौर पर युद्धपोतों और संभवतः विमानों से सीधी गोलीबारी और युद्धाभ्यास शामिल होंगे, जबकि पाकिस्तान के अभ्यास परिचालन तत्परता के समानांतर प्रदर्शन का संकेत देते हैं।
नौसैनिक अभ्यास से पहले हवाई और मिसाइलों की टक्कर
यह अभ्यास ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई हवाई और मिसाइलों की भीषण गोलीबारी के तुरंत बाद हो रहा है। बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान की मिसाइल और ड्रोन क्षमताओं को निष्क्रिय कर दिया, पाकिस्तान के प्रमुख शहरों में कई रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया और एक अवाक्स विमान को मार गिराया। भारत का यह भी दावा है कि इस अभियान के दौरान उसने छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया। हालांकि दोनों नौसेनाओं का कहना है कि आगामी अभ्यास मानक परिचालन प्रशिक्षण का हिस्सा हैं, लेकिन रक्षा पर्यवेक्षकों का कहना है कि कार्यक्रम और स्थान का यह संयोग हालिया शत्रुता के मद्देनजर भारत-पाक संबंधों की नाज़ुक स्थिति को दर्शाता है।