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“कम्युनिटी रेडियो सिर्फ मीडिया नहीं, सशक्तिकरण की प्रक्रिया है”: डॉ. एल. मुरुगन

मुंबई, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के सहयोग से आज 8वां राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। यह सम्मेलन मंत्रालय की प्रमुख पहल WAVES 2025 के अंतर्गत आयोजित हुआ, जिसका उद्देश्य भारत में सामुदायिक मीडिया परिदृश्य को नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से सशक्त करना है।
सम्‍मेलन का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्‍य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि कम्युनिटी रेडियो सिर्फ मीडिया नहीं, यह शासन की सक्रियता है, यह व्यवहारिक सशक्तिकरण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह सम्मेलन केवल एक विचार-विमर्श मंच नहीं, बल्कि “जनता की आवाज़ों का उत्सव है—वास्तविक, प्रामाणिक और जमीनी आवाजें, जो उन स्थानों से उठती हैं, जहाँ मुख्यधारा की मीडिया अक्सर नहीं पहुंचती।”
डॉ. मुरुगन ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति में सामुदायिक रेडियो की भूमिका की सराहना की और इसे हाशिए पर रह रहे समुदायों के लिए एक “जीवनरेखा” और “लोकतंत्र की सच्ची भावना” बताया। उन्होंने भारत को डिजिटल संचार में वैश्विक लीडर बताते हुए, देश भर में 531 से अधिक कार्यरत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की भूमिका को रेखांकित किया और सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
इस सम्मेलन की प्रमुख विशेषता 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों का वितरण भी रहा, जिसमें 12 उत्कृष्ट रेडियो स्टेशनों को सामुदायिक जुड़ाव और सामाजिक प्रभाव में उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। 
इस अवसर पर डॉ. एल. मुरुगन ने विजेताओं को बधाई दी और कहा कि इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार, समावेशिता और प्रभाव के माध्यम से भारत में सामुदायिक मीडिया को मजबूत करना है। केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि सामुदायिक रेडियो देश के सभी कोनों में नागरिकों तक पहुँचने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि देश भर के सामुदायिक रेडियो किसी न किसी कल्याणकारी उद्देश्य में लगे हुए हैं और भारतीय परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने सहित अच्छे उद्देश्यों का समर्थन कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो स्टेशन प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की परिकल्‍पना और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण विकास पहलों को देश के सभी हिस्सों में ले जा रहे हैं। ये स्टेशन महिलाओं और आदिवासी समुदाय जैसे विभिन्न समुदायों और समूहों के लिए कल्याणकारी गतिविधियों का एक नया आयाम दे रहे हैं।
इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू, संयुक्त सचिव (प्रसारण) एवं एनएफडीसी के एमडी श्री पृथुल कुमार तथा आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव श्री पृथुल कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि 531 से अधिक कार्यरत स्टेशनों के साथ, कम्युनिटी रेडियो अब जमीनी संचार की जीवनरेखा बन चुका है। यह लोगों को उनकी अपनी भाषा और बोली में जोड़ता है, स्थानीय मुद्दों को संबोधित करता है और परिवर्तन लाता है। उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और डॉ. मुरुगन का सामुदायिक रेडियो आंदोलन के प्रति समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने बताया कि अब तक 176 स्टेशनों को वित्तीय सहायता दी जा चुकी है और 50 से अधिक प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पूर्वी, दक्षिणी और उत्तरी भारत में तीन क्षेत्रीय सम्मेलनों की घोषणा की तथा सौर ऊर्जा अनुदानों के माध्यम से स्टेशनों की टिकाऊ संचालन प्रणाली को बढ़ावा देने की योजनाएं साझा कीं।
इस सम्मेलन में देश भर के 400 से अधिक सामुदायिक रेडियो (सीआर) स्टेशनों के प्रतिनिधि एक मंच पर एकत्रित हुए, ताकि संवाद और सहयोग का अवसर प्रदान किया जा सके। वर्तमान में, देश भर में 531 सामुदायिक रेडियो स्टेशन हैं। सम्मेलन में जन संचार और जागरूकता उत्‍पन्न करने में सामुदायिक रेडियो की महत्वपूर्ण भूमिका और सामाजिक विकास में उनकी क्षमता पर जोर दिया गया।

10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार विजेता
श्रेणी: विषयगत पुरस्कार
–  प्रथम पुरस्कार: रेडियो मयूर, जिला सारण, बिहार, कार्यक्रम: टेक सखी के लिए
–  द्वितीय पुरस्कार: रेडियो कोच्चि, केरल, कार्यक्रम: निरंगल के लिए
– तृतीय पुरस्कार: हैलो दून, देहरादून, उत्तराखंड, कार्यक्रम : मेरी बात के लिए
श्रेणी: सर्वाधिक नवीन सामुदायिक सहभागिता पुरस्कार
– प्रथम पुरस्कार: यरलावानी सांगली, महाराष्ट्र, कार्यक्रम: कहानी सुनंदाची
– द्वितीय पुरस्कार: वायलागा वनोली, मदुरै, तमिलनाडु, कार्यक्रम: आइए एक नया मानदंड बनाएं के लिए
– तृतीय पुरस्कार: सलाम नमस्ते नोएडा, उत्तर प्रदेश, कार्यक्रम: नौकरानी दीदी
श्रेणी: स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार
– प्रथम पुरस्कार: रेडियो ब्रह्मपुत्र, डिब्रूगढ़, असम, कार्यक्रम: इगारेकुन के लिए
– दूसरा पुरस्कार: रेडियो कोटागिरी, नीलगिरी, तमिलनाडु, कार्यक्रम: एन मक्कलुडन ओरु पायनम
– तृतीय पुरस्कार: रेडियो एक्टिव, भागलपुर, बिहार, कार्यक्रम: अंग प्रदेश की अद्भुत धरोहर
श्रेणी: स्थिरता मॉडल पुरस्कार
–  प्रथम पुरस्कार: बिशप बेंज़िगर हॉस्पिटल सोसाइटी, कोल्लम, केरल द्वारा संचालित रेडियो बेंज़िगर
– द्वितीय पुरस्कार: यंग इंडिया द्वारा संचालित रेडियो नमस्कार, कोणार्क, ओडिशा
– तृतीय पुरस्कार: शरणबस्बेस्वरा विद्या वर्धक संघ द्वारा संचालित रेडियो अंतरवाणी, गुलबर्गा, कर्नाटक

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