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Prajatantra: मोदी-शाह के गढ़ में कांग्रेस और AAP का होगा सूपड़ा साफ! BJP ने कर ली बड़ी तैयारी

देश लोकसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है। भाजपा सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रही है। ऐसे में उस राज्य की भी चर्चा सामने आ ही जाती है जो कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का गढ़ है। हम बात गुजरात की कर रहे हैं। वर्तमान में देखा जाए तो गुजरात में भाजपा का एक छत्रराज है। पिछले विधानसभा चुनाव में 182 सीटों में से 156 सीटों पर भगवा झंडा लहराकर भाजपा ने यह साबित कर दिया कि लोकसभा चुनाव में यहां क्या स्थिति रहने वाली है। कांग्रेस को जबरदस्त नुकसान हुआ और पार्टी सिर्फ 17 सीटों पर सिमट गई। गुजरात में लोकसभा की 26 साटें हैं। 2019 में इन 26 सीटों पर भाजपा ने जबर्दस्त जीत हासिल की थी। यही कारण है कि 2024 के चुनाव को लेकर गुजरात में जबरदस्त चर्चा है। बड़ा सवाल यही है कि क्या 2019 का जादू गुजरात में एक बार फिर से भाजपा दोहरा पाएगी? 2024 के चुनाव के बाद अगर बीजेपी जीती तो कांग्रेस के विधायकों का क्या होगा? क्या कांग्रेस पार्टी चुनाव के दौरान ही बिखर जाएगी?
 

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इस तरह की चर्चा गुजरात में इसलिए भी हो रही है क्योंकि कांग्रेस लगातार कमजोर होती दिखाई दे रही है। आम आदमी पार्टी ने गुजरात में अपनी पकड़ को मजबूत करने की शुरुआत कर दी है। ऐसे में भाजपा विरोधी वोट में लगातार बिखरा हो रहा है। कांग्रेस गुजरात को लेकर इतनी सक्रियता नहीं दिख रही जितनी होनी चाहिए। ऐसा लगता है कि कांग्रेस गुजरात के बारे में यह सोच बन चुकी है कि यहां अपना कुछ होने वाला नहीं है। पार्टी के भीतर आंतरिक गुटबाजी भी जबरदस्त तरीके से देखने को मिल रही है। कांग्रेस के नेता भी दबे जुबान में इस बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं कि आने वाले दिनों में पार्टी के कई विधायक इस्तीफा भी दे सकते हैं। पिछले दिनों देखा जाए तो गुजरात विधानसभा के दो विधायक एक कांग्रेस के और एक आम आदमी पार्टी के ने इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए। यही कारण है कि यह माना जा रहा है कि भाजपा 26 सीटों पर अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को लगातार कमजोर करने की कोशिश करेगी। 

गुजरात में देखें तो भारत जोड़ो न्याय यात्रा के तहत राहुल गांधी और कांग्रेस 5 दिनों तक अपना जलवा दिखाने की तैयारी में है। इन पांच दिनों में 7 जिलों के 445 किलोमीटर की यात्रा कांग्रेस की ओर से तय की जाएगी। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में पार्टी को कितना जन समर्थन मिल पायेगा, इसको लेकर राजनीतिक विश्लेषकों में असमंजस की स्थिति है। राजनीतिक विश्लेषकों का साफ तौर पर मानना है कि गुजरात में भाजपा का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को बेहद मजबूत होने की आवश्यकता है। लेकिन पार्टी गुजरात में मजबूत कैसे होगी, यह उसके समक्ष बड़ा सवाल है। उसकी इंडिया गठबंधन की सहयोगी आम आदमी पार्टी गुजरात में अपनी पैठ को मजबूत कर रही है। 2022 विधानसभा चुनाव में हमने यह भी देखा कि कैसे कांग्रेस के वोट बैंक में आम आदमी पार्टी ने ही सेंधमारी की थी। 

पिछले दिनों हमने देखा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ चुके बड़े नेताओं समेत 2000 से अधिक कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए। बड़े नेताओं को गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने स्वागत किया। भाजपा का दावा है कि कांग्रेस और आप की डूबती नाव देखकर ये नेता हमारे साथ आ रहे हैं। हालांकि गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने साफ तौर पर कहा है कि डरना और धमकाना यही बीजेपी का काम बचा है। इसी के सहारे वह पार्टियों को तोड़ रहे हैं। हालांकि, यह बात भी साफ तौर पर सामने निकल कर आई है कि जिस तरीके से कांग्रेस आलाकमान ने राम मंदिर का निमंत्रण अस्वीकार किया है, उससे गुजरात में पार्टी कार्यकर्ता नाराज हुए हैं। यही कारण है कि वह भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। 
 

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गुजरात विधानसभा चुनाव में लगातार प्रचार और पूरी ताकत लगाने के बाद आम आदमी पार्टी सिर्फ पांच सीटों पर ही चुनाव जीत सकी। आप को लेकर यह सवाल बना हुआ है कि उसके विधायक पूरे 5 साल उसके साथ रहेंगे या नहीं? बावजूद इसके आम आदमी पार्टी गुजरात में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर चुकी है। पिछले ही दिनों आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनावी दौरे पर पहुंचे थे। उन्होंने भरूच लोकसभा सीट से अपने प्रत्याशी का भी ऐलान कर दिया। यहां केजरीवाल ने जेल में बंद पार्टी विधायक चैतर वसावा को अपना उम्मीदवार बनाया है। भरूच लोकसभा सीट पर कांग्रेस की भी दावेदारी मजबूत है। यहां से कांग्रेस के रणनीतिकार अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल अपना दावा कर रही हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन की यह दोनों पार्टियों के बीच यहां चुनावी दंगल दिखाई दे सकता है। 

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