कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को योग गुरु रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया और उन पर शरबत जिहाद पर अपने कथित बयान के जरिए धार्मिक नफरत फैलाने का आरोप लगाया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सिंह द्वारा दर्ज की गई शिकायत की जांच की जाएगी। मध्य प्रदेश से राज्यसभा सदस्य सिंह ने भोपाल के टीटी नगर पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि भारतीय न्याय संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 196 (1) (ए) और 299 के तहत मामला दर्ज किया जाए।
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धारा 196 धर्म, जाति, भाषा या क्षेत्र के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने पर रोक लगाती है, जबकि धारा 299 जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्यों को संबोधित करती है जिसका उद्देश्य किसी भी तरह से दुश्मनी को बढ़ावा देना है। सिंह ने रामदेव के एक्स अकाउंट के ज़रिए कथित तौर पर जारी किए गए एक वीडियो को फ़्लैग किया, जिस पर उन्होंने आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए लोगों में धार्मिक भावनाओं को भड़काना था। सिंह ने कहा कि रामदेव ने पतंजलि के गुलाब शरबत का विपणन करते हुए दावा किया था कि शरबत बेचने वाली एक कंपनी आय का इस्तेमाल मदरसे और मस्जिद बनाने में करती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि रामदेव ने पतंजलि के इसी तरह के उत्पाद का प्रचार करते हुए इसे शरबत जिहाद करार दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा, “रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और द्वेष से भरा है तथा धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है और यह भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1) (ए), 299 और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दंडनीय अपराध है।” इससे पहले दिन में सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि “व्यवसायी” रामदेव ने अपने उत्पादों को बेचने के लिए धर्म और राष्ट्रवाद का सहारा लेकर करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा किया है।
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ज्ञात हो कि रामदेव का एक वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है। इसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करने के दौरान यह कहते हुए देखे और सुने जा सकते हैं कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है जो शरबत तो देती है लेकिन शरबत से जो पैसा मिलता है उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। रामदेव ने कहा, ‘‘अगर आप वो शरबत पिएंगे तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। इसलिए मैं कहता हूं ये ‘शरबत जेहाद’ है। जैसे ‘लव जेहाद’, ‘वोट जेहाद’ चल रहा है वैसे ही ‘शरबत जेहाद’ भी चल रहा है।’’