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अगर हिम्मत है तो भारत आकर दिखाएं, बिलावल भुट्टो की खून बहाने वाली धमकी पर सीआर पाटिल ने किया चैलेंज

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने पाकिस्तानी राजनेता बिलावल भुट्टो-जरदारी को उनकी अगर पानी रोक दिया गया तो नदियों में खून बहेगा टिप्पणी के लिए चुनौती दी, और कहा कि अगर उनमें सचमुच साहस है तो वे भारत आएं। पाटिल की यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के बाद भड़काऊ बयान देने के बाद आई है। पाटिल ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा मोदीजी कहते हैं ‘जल है तो बल है’। मोदी साहब ने कहा है कि सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को पानी नहीं मिलना चाहिए। बिलावल भड़क गए और कहा कि अगर पानी रोका गया तो भारत में खून की नदी बहेगी। 

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उन्होंने कहा कि क्या हम डर जाएंगे? मैं उनसे (भुट्टो से) कहता हूं कि भाई, अगर थोड़ी भी हिम्मत है तो यहां आ जाओ। ऐसी बहादुरी की चिंता किए बिना पानी बचाना हमारी जिम्मेदारी है। बिलावल भुट्टो जरदारी ने शुक्रवार को सिंध प्रांत के सुक्कुर में प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दावा किया कि सिंधु नदी इस्लामाबाद की है और उसके नियंत्रण में रहेगी। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच जरदारी ने चेतावनी दी कि अगर पानी का प्रवाह रोका गया तो इसकी जगह भारतीय खून बहेगा। 

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने अपनी “कमज़ोरियों को छिपाने और अपने लोगों को धोखा देने” के लिए इस्लामाबाद पर हमले का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे आरोप लगाने का आरोप लगाया और सिंधु जल संधि के निलंबन पर प्रकाश डाला। दरअसल, 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ल्ड बैंक की मौजूदगी में सिंधु जल संधि हुई थी। इस संधि के तहत पाकिस्तान को 6 बेसिन नदियों में से 3 का पानी मिला। सिंधु, झेलम और चिनाब जबकि भारत को रावी, व्यास और सतलुज का पानी मिला। लेकिन अब जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने का फैसला किया तो सबसे पहला कदम सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना। पाकिस्तान की 80 प्रतिशत खेती और 30 प्रतिशत पावर प्रोजेक्ट सिंधु जल पर टिके हैं। अगर पानी रुका तो पाकिस्तान की कमर टूट जाएगी।  

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