डीआरडीओ के एक साइंटिस्ट भारत में बैठे बैठे खुफिया जानकारियां पाकिस्तान को मुहैया करा रहा था। इसकी सूचना मिलने पर महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने वैज्ञानिक को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान प्रदीप कुरूलकर के तौर पर हुई है जिस पर पाकिस्तानी एजेंट को गोपनीय जानकारी देने का आरोप है। पाकिस्तान को उन्होंने हनी ट्रैप में फंसकर खुफिया जानकारियां मुहैया कराई है।
इस संबंध में एटीएस के एक अधिकारी ने कहा कि वैज्ञानिक कथित तौर पर व्हाट्सएप और वीडियो कॉल के माध्यम से पाकिस्तान खुफिया कर्मियों के एक एजेंट के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि यह ‘मोहपाश में फंसाने’ का मामला है। आरोपी रक्षा अनुसंधान संस्थान में वरिष्ठ पद पर रह चुका है और उसे बुधवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी को पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव हेंडलर ने हनी ट्रैप में फंसाया था।
एटीएस की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि वैज्ञानिक को पता था कि उसके पास जो आधिकारिक गुप्त जानकारी है अगर वह दुश्मन को मिल जाती है तो इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इसके बावजूद उसने जानकारी उपलब्ध कराई। विज्ञप्ति के मुताबिक, आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुंबई में एटीएस की कालाचौकी इकाई में मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है।
बता दें कि डीआरडीओ अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने संवेदनशील जानकारी को किसी के साथ साझा किया जो गैरकानूनी है। दुश्मन देश के हाथों में खुफिया जानकारी जाने से भारत की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने पूरे देश की सुरक्षा को दांव पर लगाया है। बता दें कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ एटीएस की टीम ने आतंकवाद विरोध दस्ते, कालाचौकी, मुंबई ने आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है। टीम आगे की जांच में जुटी हुई है।