रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मध्य प्रदेश के श्योपुर परीक्षण स्थल से अपने स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। परीक्षण करीब 62 मिनट तक चला। इस दौरान इंस्ट्रूमेंटल पेलोड ले जाने वाले एयरशिप ने करीब 17 किलोमीटर की ऊंचाई को छुआ।
डीआरडीओ ने एक्स पर लिखा, ‘डीआरडीओ ने इंस्ट्रूमेंटल पेलोड के साथ स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप का पहला उड़ान परीक्षण लगभग 17 किलोमीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक किया। हवा से हल्का यह सिस्टम भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को बढ़ाएगा, जिससे देश दुनिया के उन कुछ देशों में से एक बन जाएगा, जिनके पास ऐसी स्वदेशी क्षमताएं हैं।’
DRDO successfully conducts maiden flight trial of Stratospheric Airship with instrumental payload to an altitude of around 17 kms. This lighter than air system will enhance India’s earth observation and Intelligence, Surveillance & Reconnaissance capabilities, making the country… pic.twitter.com/HXeSl59DyH
— DRDO (@DRDO_India) May 3, 2025
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा कि यह सिस्टम पृथ्वी अवलोकन और खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) में भारत की क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा, जिससे भारत ऐसी स्वदेशी तकनीक वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो जाएगा।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने भी सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण के पीछे की टीम की सराहना की। उन्होंने प्रोटोटाइप उड़ान को हवा से हल्के, उच्च ऊंचाई वाले प्लेटफार्मों के विकास में एक मील का पत्थर बताया जो स्ट्रैटोस्फेरिक ऊंचाइयों पर लंबे समय तक टिके रहने में सक्षम हैं।