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भगोड़े मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी, भारत ने तेज की प्रत्यर्पण प्रक्रिया

भगोड़े मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमारे प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया है। हम उसके प्रत्यर्पण पर बेल्जियम पक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि हमारे प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया। हम उसके प्रत्यर्पण पर बेल्जियम पक्ष के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोपी भारतीय जौहरी मेहुल चोकसी को 14 अप्रैल को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था।

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पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में संलिप्तता के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। इस 13,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में चोकसी के भांजे एवं हीरा कारोबारी नीरव मोदी के बाद दूसरे प्रमुख संदिग्ध के खिलाफ कार्रवाई 12 अप्रैल को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रत्यर्पण अनुरोध के आधार पर की गई।

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बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा ने ‘पीटीआई’ को भेजे ईमेल में पुष्टि की है कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। इसमें कहा गया उसे आगे की न्यायिक कार्यवाही के लिए हिरासत में रखा गया है। उसको कानूनी सहायता के लिए वकील की पहुंच सुनिश्चित की गई है। यह भी कहा गया कि भारतीय अधिकारियों ने चोकसी के लिए प्रत्यर्पण अनुरोध किया है। चोकसी (65) नवंबर 2023 में चिकित्सा उपचार के लिए बेल्जियम गया था, जिसके बाद से वह वहीं था। उसे पिछले साल वहां देखा गया था।  
मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर विस्तार का अधिकांश हिस्सा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से लिए गए ऋणों के माध्यम से वित्तपोषित किया गया था। सीबीआई और ईडी की जांच के अनुसार, 2014 से 2017 के बीच, इन ऋणों को चुकाने के बजाय, दोनों ने धोखाधड़ी से मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा से लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoU) प्राप्त किए।

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