सेवा भारती के माध्यम से उत्तरी विभाग के गाडियां लोहार समाज ने महाराणा प्रताप की जयंती के शुभ अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। इस ऐतिहासिक दिन को समर्पित करते हुए, समाज के सदस्यों ने महाराणा प्रताप के अदम्य साहस और उनके अखंड भारत के प्रति समर्पण को याद किया। आज के दिन देश के क्षेत्रों में घुमंतू समाज विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करता है। अकेले दिल्ली में ही 25 अलग अलग स्थानों पर बड़े कार्यक्रम आयोजित हुए।
इस विशेष अवसर पर, अन्य घुमंतू समाजों ने भी हिस्सा लिया और अखिल भारतीय घुमंतू कार्य प्रमुख दुर्गादास ने महाराणा प्रताप केवन और उनके वीरता के किस्सों पर एक व्याख्यान दिया। उन्होंने उनके चरित्र और नेतृत्व के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिससे उपस्थित जनसमूह अत्यधिक प्रेरित हुआ। दुर्गादास ने बताया कि “गाड़िया लोहार लोगों ने अपना धर्म नहीं छोड़ा अपना धर्म बचाने के लिए इलाका छोड़ दिया और दूसरी बड़ी विशेषता यह है की पूरी दुनिया में ऐसा कोई समाज नहीं है जिन्होंने अपनी पूर्व में की हुई प्रतिज्ञाओं को निभाने के लिए 400 वर्षों तक भटकने कावन स्वीकार किया हो।”
गाडियां लोहार समाज, जो महाराणा प्रताप के अनुयायी माने जाते हैं, ने इस कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया। उन्होंने 4 किलोमीटर की रैली के माध्यम से महाराणा प्रताप के जन्म दिवस को और अधिकवंत कर दिया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी लोगों ने महाराणा प्रताप के आदर्शों को अपनेवन में उतारने का संकल्प लिया और उनके योगदान को सराहा। इस अवसर पर, गाडियां लोहार समाज ने युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप केवन और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग के बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया।