Breaking News

विधानसभा चुनाव से पहले सतनामी समाज के गुरु बालदास और उनके बेटेकांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल

छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सतनामी समाज के गुरु परिवार के प्रमुख सदस्य गुरु बालदास साहेब अपने पुत्र और समर्थकों के साथ मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। गुरू बालदास ने कहा है कि कांग्रेस ने उनके समुदाय की अनदेखी की है तथा अपमान किया है।गुरु बालदास और उनके बेटे खुशवंत दास 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे।
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति की अधिकांश आबादी बाबा गुरु घासीदास द्वारा स्थापित सतनाम संप्रदाय का पालन करती है। छत्तीसगढ़ में राजनीतिक दलों के लिए सतनामी समाज को एक प्रमुख वोट बैंक माना जाता है। राज्य की कुल आबादी में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 13 फीसदी है तथा वे अधिकतर मैदानी इलाकों में बसे हुए हैं।
भाजपा ने एक बयान में कहा है कि पार्टी की विकासवादी और सर्वसमावेशी विचारधारा से प्रभावित होकर मंगलवार को यहां कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में अपने हजारों समर्थकों के साथ सतनामी समाज के धर्मगुरु संत बालदास साहेब ने पार्टी की विधिवत सदस्यता ग्रहण की।

इस दौरान पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
गुरू बालदास ने संवाददाताओं से कहा कि वह अपने समुदाय के उत्थान के लिए 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन सत्ताधारी दल ने उनकी उपेक्षा की और उनका अपमान किया।
बालदास साहेब ने कहा, कांग्रेस में 2018 में जिस बात को लेकर हम गए थे कि समाज का उत्थान होगा, समाज को सम्मान मिलेगा, हमारे धर्मस्थल में जहां किसी भी प्रकार का विकास नहीं है, वहां विकास होगा, वहां मूलभूत सुविधाएं होंगी, समाज को रोज़ी रोटी और रोजगार मिलेगा तथा सम्मान मिलेगा, लेकिन हमने देखा कि सरकार बनाने में हमारी मेहनत के बावजूद हमें पांच साल में सम्मान नहीं मिला।
गुरू बालदास ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ठान लिया है कि सतनामी समाज में किसी भी प्रकार से विकास नहीं करना है इसलिए वह सतनामी समाज के विकास की बात नहीं करते हैं। अब हमारी भूमिकाछत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आगामी चुनाव लड़ना चाहते हैं, तब गुरू बालदास ने कहा, अन्य लोगों की तरह हमने भी उम्मीदवारी का दावा किया है।

मैंने आरंग विधानसभा सीट (एससी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित) से अपने बेटे खुशवंत के लिए टिकट मांगा है।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी के फैसले का पालन करेंगे।
राज्य में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि चुनाव से पहले गुरू बालदास का भाजपा में प्रवेश महत्व रखता है क्योंकि धार्मिक नेता का एससी आबादी के बीच काफी प्रभाव है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने गुरु बालदास को या उनके परिवार के सदस्य को टिकट देने का वादा किया है।
राज्य में कांग्रेस का वोट बैंक माना जाने वाला अनुसूचित जाति समुदाय 2013 के विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर भाजपा की ओर चला गया था। भाजपा ने राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटों में से नौ सीटों पर जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस ने एक सीट जीती थी।
लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन 10 सीटों में से सात सीटों पर जीत हासिल की। राज्य में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित दो सीटों पर भाजपा और एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी का कब्जा है।

Loading

Back
Messenger