राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हाई-प्रोफाइल बेंगलुरु रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। जांच एजेंसी की ओर से दायर की गई चार्जशीट में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। एनआईए की चार्जशीट से खुलासा हुआ है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन आतंकी संगठन आईएसआईएस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के ऑफिस पर हमले की तैयारी में था। एनआईए ने कहा कि 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन राज्य भाजपा कार्यालय, मल्लेश्वरम, बेंगलुरु पर एक आईईडी हमला करने की योजना में था। जिसके बाद दो मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।
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एनआईए के अनुसार, मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के रूप में पहचाने गए आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, यूए (पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है। चारों को पहले गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वे न्यायिक हिरासत में हैं। एनआईए ने आगे कहा कि इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे और होटल की संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था। एनआईए, 3 मार्च को मामले की जांच शुरू की थी।
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जांच एजेंसी ने विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय में कई तकनीकी और क्षेत्रीय जांच की। जांच से पता चला कि शाजिब ही वह शख्स था जिसने बम रखा था। वह, ताहा के साथ, अल-हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद 2020 से फरार था। एनआईए द्वारा की गई व्यापक तलाशी के कारण उन्हें रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया।
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