भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों पर जी-20 देशों के बीच सहयोग जरूरी है।
शिलांग में जी-20 स्पेस इकोनॉमी लीडर्स मीटिंग (एसईएलएम) की पूर्वावलोकन बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को लेकर विभिन्न देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को भी मजबूत करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास और इसके अनुप्रयोगों के लिए जी-20 के सदस्य देशों के बीच सहयोग जरूरी है।
बैठक में जी-20 के सदस्य देशों और अतिथि देशों के 28 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
सोमनाथ ने कहा कि मानव जाति के लाभ के लिए अंतरिक्ष अनुप्रयोग भविष्य में कई गुना बढ़ेंगे और यह एक आर्थिक योगदानकर्ता की भूमिका निभाएगा तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को मदद करेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि बैठक में विचार-विमर्श के परिणाम उपयोगी होंगे और विभिन्न स्तरों पर अंतरिक्ष समुदाय की सहायता करेंगे।
सोमनाथ ने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं से निपटने के लिए पूर्वोत्तर अंतरिक्ष उपयोग केंद्र की भी सराहना की।
तकनीकी सत्र के दौरान, प्रतिनिधियों ने अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पर अपने देशों के दृष्टिकोणों पर चर्चा की।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों द्वारा किये जा रहे प्रयासों और चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।