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मेरी मंशा कभी किसी की धार्मिक भावना आहत करने की नहीं थी : केरल विधानसभा अध्यक्ष

तिरुवनंतपुरम। केरल विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर ने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनका इरादा कभी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और भगवान गणेश पर उनकी कथित हालिया टिप्पणी पर जारी विवाद ‘‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’’ है।
यहां विधानसभा परिसर के मीडिया कक्ष में पत्रकारों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एर्नाकुलम के एक स्कूल में अपने हालिया संबोधन के दौरान उन्होंने एक संवैधानिक पद की क्षमता में वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने का आग्रह किया था।

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शमसीर ने पलटवार करते हुए कहा कि किसी को भी उनकी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ईमानदारी से स्पष्ट तौर पर कहूं तो…मैं किसी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला व्यक्ति नहीं हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा इरादा कभी भी किसी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था… इस मामले पर राज्य में जो हो रहा है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
राज्य में नायर समुदाय के प्रभावशाली संगठन ‘एनएसएस’ द्वारा आयोजित विरोध-प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर शमसीर ने कहा कि एक संगठन के रूप में उन्हें किसी भी मुद्दे पर विरोध करने का अधिकार है।
हाल ही में एर्नाकुलम जिले के एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, शमसीर ने कथित तौर पर केंद्र पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में उपलब्धियों के बजाय बच्चों को हिंदू मिथक सिखाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था।

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उन्होंने कहा था कि भगवान गणेश एक मिथक हैं और इस मान्यता का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) जैसे दक्षिणपंथी संगठनों ने यह कहते हुए शमसीर के खिलाफ पहले ही एक अभियान शुरू कर दिया है कि वे भगवान गणेश और पौराणिक पुष्पक विमानम के बारे में विधानसभाध्यक्ष की टिप्पणी से व्यथित हैं।
सत्तारूढ़ माकपा ने शनिवार को शमसीर की कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर संघ परिवार द्वारा उनके खिलाफ चलाए गए अभियान की कड़ी निंदा की थी।

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