केरल में हिंदू देवता के बारे में विधानसभा अध्यक्ष ए.एन. शमसीर की टिप्पणियों को लेकर जारी राजनीतिक खींचतान के बीच कांग्रेस ने इसे उन मुद्दों से ध्यान भटकाने का “हथकंडा” करार दिया, जिनसे वाम सरकार घिरी हुई है। लेकिन सत्तारूढ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) दृढ़ता से अपने नेता के साथ खड़ी है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने आरोप लगाया कि माकपा “पुलिस के दुरुपयोग, महिला सुरक्षा संबंधी चिंताओं, राज्य के वित्तीय संकट और प्रशासन की खराब स्थिति” से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “इसके बजाय, वह (माकपा) चाहती है कि लोग सांप्रदायिकता पर चर्चा करें। इसलिए, उन्होंने उन सांप्रदायिक ताकतों को एक हथियार दिया है जो राज्य को विभाजित करना चाहते हैं और अब ऐसे समूहों का मुकाबला कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि माकपा और संघ परिवार एक ही रास्ते पर चल रहे हैं।
हाल ही में एर्नाकुलम जिले के एक स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शमसीर ने कथित तौर पर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपलब्धियों के बजाय बच्चों को हिंदू मिथकों की शिक्षा देने की कोशिश कर रही है।
आज, एक स्कूल से संबंधित कार्यक्रम में, शमसीर ने स्पष्ट किया कि एक धार्मिक विश्वास को अस्वीकार करने के लिए विज्ञान को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा था।
उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक दुनिया में हर किसी को धर्मनिरपेक्ष बनने का संकल्प लेना चाहिए और हर बच्चे को कहना चाहिए कि वह किसी को भी अपने बीच मतभेद या विभाजन पैदा करने नहीं देंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कम उम्र के छात्रों को निशाना बनाते हुए शिक्षा का भगवाकरण और पाठ्यपुस्तकों में इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है ताकि आने वाली पीढ़ियों के दिमाग पर कब्जा किया जा सके।
वहीं, माकपा नेता और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो कहा, उसमें कुछ भी गलत नहीं था।
संविधान हर किसी को अपनी-अपनी मान्यताएं रखने की अनुमति देता है, जिसमें यह भी शामिल है कि भगवान गणेश मिथक हैं या नहीं।
वहीं, माकपा ने स्पष्ट कर दिया कि शमसीर अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर न तो माफी मांगेंगे और न ही कोई संशोधन जारी करेंगे।
इस बीच शमसीर की टिप्पणी के विरोध में तिरुवनंतपुरम में एक मंदिर के सामने गैर-कानूनी तरीके से एकत्र होने के आरोप में नायर सेवा समाज (एनएसएस) के वरिष्ठ नेता एवं हजारों सदस्यों के खिलाफ पुलिस ने बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया।
छावनी पुलिस थाने में एनएसएस के उपाध्यक्ष एम. संगीत कुमार और संगठन के सैकड़ों लोगों के खिलाफ गैर-कानूनी सभा करने, दंगा करने और सार्वजनिक रास्ते को अवरुद्ध करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत और केरल पुलिस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की और प्राथमिकी में कहा कि एनएसएस के सदस्य गैरकानूनी तरीके से बुधवार शाम यहां पलायम में गणपति मंदिर के बाहर एकत्र हुए और बिना किसी अनुमति के माइक तथा स्पीकर लगाए और नारेबाजी की।
संगीत कुमार ने पुलिस कार्रवाई के बारे में प्रतिक्रिया देते हुएकहा कि कानून को अपना काम करने दें।