भारत ने कहा कि ब्रिटेन भर में सिनेमाघरों पर हमला करने और इमरजेंसी की स्क्रीनिंग में बाधा डालने वाले खालिस्तानी समर्थक चरमपंथियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। यह कहते हुए कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है, नई दिल्ली ने उम्मीद जताई कि लंदन दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा। फिल्म इमरजेंसी में बॉलीवड अभिनेत्री और भाजपा सांसद कंगना रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। ये फिल्म 1975 से 1977 तक आपातकाल के 21 महीनों पर केंद्रित है। फिल्म को लेकर दावा किया जा रहा कि यह सिख समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है।
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विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने कई रिपोर्टें भी देखी हैं कि कैसे फिल्म ‘इमरजेंसी’, जो कई हॉलों में प्रदर्शित की जा रही थी, उसे बाधित किया जा रहा था। हम हिंसक विरोध प्रदर्शनों और भारत विरोधी सीमाओं से डराने-धमकाने की घटनाओं के संबंध में ब्रिटेन सरकार के समक्ष लगातार चिंता जताते रहते हैं। भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा तरीके से लागू नहीं किया जा सकता है और इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
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ब्रिटेन में विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के एक सांसद ने उत्तर-पश्चिम लंदन में उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी की स्क्रीनिंग के दौरान नकाबपोश खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा धमकी दिए जाने के मामले में गृह मंत्री से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। बॉब ब्लैकमैन ने हाउस ऑफ कॉमन्स (ब्रिटिश संसद के निचले सदन) को बताया कि अत्यंत विवादास्पद फिल्म के प्रदर्शन को वोल्वरहैम्पटन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर में भी इसी प्रकार बाधित किया गया। इसके परिणामस्वरूप ‘व्यू और सिनेवर्ल्ड’ ने ब्रिटेन में अपने कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का निर्णय लिया है।