सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक के वीकली राउंड अप में इस सप्ताह कानूनी खबरों के लिहाज से काफी उथल-पुथल वाला रहा है। जहां दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश को केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। वहीं कर्नाटक हाई कोर्ट की तरफ से ट्विटर पर 50 लाख का जुर्माना लगाया गया है। आदिपुरुष के मेकर्स को कोर्ट ने खूब खरी-खरी सुनाई है। वहीं कॉपीराइट उल्लंघन मामले में राहुल गांधी को राहत नहीं मिली है। ऐसे में आज आपको सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक इस सप्ताह यानी 26 जून से 30 जून 2023 तक क्या कुछ हुआ? कोर्ट के कुछ खास ऑर्डर/जजमेंट और टिप्पणियों का विकली राउंड अप आपके सामने लेकर आए हैं। कुल मिलाकर कहें तो आपको इस सप्ताह होने वाले भारत के विभिन्न न्यायालयों की मुख्य खबरों के बारे में बताएंगे।
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दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश को चुनौती
दिल्ली की आम आमदी पार्टी अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र सरकार के अध्यादेश को चुनौती देने सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को संवैधानिक बताया है। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि, केंद्र सरकार के अध्यादेश पर तुरंत रोक लगाई जाए। यह अध्यादेश असंवैधानिक है।
ट्विटर पर 50 लाख जुर्माना
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कुछ सोशल मीडिया खातों और ट्वीट्स को ब्लॉक करने के केंद्र के आदेशों के खिलाफ ट्विटर की याचिका खारिज कर दी। भारत सरकार के आदेशों का पालन न करने पर हाई कोर्ट ने कंपनी पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि आप एक मल्टी बिलेनियर कंपनी हो, कोई किसान या फिर आम आदमी नहीं, जिसे कानून नहीं पता हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अदालत ने इस मामले पर सरकार के रुख को बरकरार रखा है और कहा है कि देश के कानून का पालन किया जाना चाहिए।
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आदिपुरुष के मेकर्स पर कोर्ट सख्त
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने विवादास्पद बॉलीवुड फिल्म ‘आदिपुरुष’ के फिल्म निर्माताओं को यह कहते हुए फटकार लगाई कि इसमें रामायण के पात्रों को बड़े शर्मनाक तरीके से दिखाया गया है। ‘आदिपुरूष’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा कि रामायण, कुरान या बाइबिल पर विवादित फिल्में बनायी ही क्यों जाती हैं, जो लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान और न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि मान लीजिए, कुरान पर एक छोटी डॉक्यूमेंट्री बनायी जाती। क्या आप सोच सकते हैं कि उससे किस प्रकार कानून व्यवस्था की गंभीर समस्या खड़ी हो जाती? लेकिन हिंदुओं की सहिष्णुता के कारण ही चीजें फिल्मकारों की भयंकर भूलों के बाद भी विद्रूप रूप नहीं लेती हैं। पीठ ने कहा कि एक फिल्म में भगवान शंकर को त्रिशूल लेकर दौड़ते हुए दिखाया गया है। अब भगवान राम और रामायण के अन्य पात्रों को बड़े शर्मनाक ढंग से दिखाया गया है।
कॉपीराइट उल्लंघन मामले में राहुल गांधी को नहीं मिली राहत
कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिट फिल्म ‘केजीएफ चैप्टर-2’ के संगीत के कथित कॉपीराइट उल्लंघन मामले में कांग्रेस नेताओं- राहुल गांधी, जयराम रमेश और सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ दायर प्राथमिकी निरस्त करने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने तीन कांग्रेस नेताओं की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। लहरी म्यूजिक की सहयोगी कंपनी एमआरटी म्यूजिक के एम. नवीन कुमार ने बेंगलुरु के यशवंतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि कांग्रेस पार्टी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक प्रचार वीडियो में फिल्म के संगीत का इस्तेमाल किया गया था, जबकि इस पर उनका (कुमार का) कॉपीराइट है।
राष्ट्रीय पुरुष आयोग की मांग पर SC में 3 जुलाई को होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा से पीड़ित विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामलों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने और ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’के गठन का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर तीन जुलाई को सुनवाई करेगा। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। अधिवक्ता महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर याचिका में देश में दुर्घटनावश मौतों के संबंध में 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला दिया गया है, जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि उस वर्ष देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की। तो इस हफ्ते के लिए इतना ही। मिलते हैं अगले हफ्ते कानूनी दुनिया से जुड़ी खबरों के साथ यस माय लार्ड के अगले एपिसोड में। तब तक के लिए दें इजाजत।