Breaking News
-
Please LIKE and FOLLOW बलिया LIVE on FACEBOOK page https://www.facebook.com/BalliaLIVE आशीष दूबे,बलिया रसड़ा,बलिया. रसड़ा कोतवाली…
-
आईपीएल 2025 का 47वां मैच राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच खेला गया। इस…
-
आईपीएल में हर दिन कुछ ना कुछ अलग देखने को मिलता है। वहीं आईपीएल के…
-
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से और दुख में है। वहीं बड़ी…
-
जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में 28 अप्रैल 2025 को खेले गए मुकाबले में अफगानिस्तान…
-
गुजरात टाइटंस के युवा ओपनर साई सुदर्शन ने 24 घंटे के भीतर विराट कोहली से…
-
आरसीबी ने रविवार को आईपीएल 2025 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ 6 विकेट से जीत…
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज राष्ट्रपति भवन के गणतंत्र मंडप में आयोजित नागरिक अलंकरण समारोह-I…
-
दिल्ली की एक अदालत ने 13 वर्ष पुराने एक मामले का सोमवार को पर्दाफाश करते…
-
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की बेलगावी में रैली को भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा बाधित करने की…
ओलिव रिडले समुद्री कछुआ, जो दुनिया का दूसरा सबसे छोटा समुद्री कछुआ है। इस ओलिव रिडले कछूए ने प्रजनन के लिए 3500 किलोमीटर की लंबी यात्रा की है। यह कछुआ अपनी प्रजाति के लिए एक अद्भुत यात्रा करता है। इस कछुए को 2021 में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा एक टैग लगाया गया था, जिससे इसकी गतिविधियों और यात्रा को ट्रैक किया जा सके।
वहीं इस कछुए को लेकर अब हैरानी वाली जानकारी वैज्ञानिकों ने साझा की है। वैज्ञानिकों का मानना है कि 03233 नाम के इस कछुए ओडिशा से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी और श्रीलंका तक का रास्ता तय किया था। वहां से ये कछुआ महाराष्ट्र तक पहुंचा होगा।
जानें डबल नेस्टिंग के बारे में
कछुओं के लिए डबल नेस्टिंग उस समय होती है जब प्रजनन सीजन में मादा कछुए दो बार अंडे देती है। अंडे देने के लिए मादा कछुओं को घोंसला बनाना होता है। कछुओं का घोंसला एक खोखला गड्ढा होता है जिसमें मादा अंडे देकर उसे सुरक्षित रख सकती है।
ऐसे की जाती है कछुओं की टैगिंग
कछुओं की गतिविधि पर नजर रखने, रिसर्च और सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक कछुओं को टैग करते है। ये टैग तीन प्रकार के होते हैं, जिसमें फ्लिपर टैग पहला टैग है। इसमें कछुए के पंखों पर कोड लगता है। इससे उसकी पहचान को दोबारा करने में परेशानी नहीं होती है। दूसरा टैग पीआईटी टैग है जिससे कछुए के शरीर के चमड़े के नीचे टैग लगता है जिसको बाद में स्कैन कर पढ़ा जाता है। इसके अलावा कछुओं पर सैटेलाइट टैग लगाया जाता है जिसमें कछुए के खोल को टैग करते है, जिसके बाद सैटेलाइट की मदद से इन पर नजर रखना आसान होता है।
ऐसे होता है समुद्री कछुओं का प्रजनन
समुद्री कछुओं का प्रजनन समुद्र के तट पर होता है जहां मादा अंडे देने आती है। मादा कछुआ अंडे देने के लिए घोंसला यही तट पर ही बनाती है। बता दें कि ओलिव रिडले कछुआ उस प्रजाति का कछुआ है जिसमें सामूहिक घोंसला बनाया जाता है। सामूहिक घोंसला बनाने के लिए बड़ी मात्रा में कछुए एक साथ समुद्र तट पर आकर अंडा देते है। तट पर इन अंडों की संख्या हजारों में होती है।