तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी को राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) को उकसाने की चेतावनी नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हमें उकसाओ मत। डीएमके या उसके कार्यकर्ताओं को भड़काएं नहीं। यह धमकी नहीं बल्कि चेतावनी है। सीएम स्टालिन ने 10 साल पहले दी गई शिकायत पर बालाजी को जल्दबाजी में गिरफ्तार करने की जरूरत पर सवाल उठाया।
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सीएम स्टालिन ने सवाल किया कि मैं जांच को गलत नहीं कह रहा हूं, लेकिन वह एक सामान्य व्यक्ति नहीं है। वह पांच बार विधायक हैं और दूसरी बार मंत्री हैं। उसे बंद करके एक आतंकवादी की तरह उससे सवाल क्यों करते हैं? स्टालिन ने दावा किया कि सेंथिल बालाजी के सहयोग के लिए राजी होने के बाद भी ईडी ने दबाव बनाया, जिसके बाद बालाजी ने सीने में दर्द की शिकायत की और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। सीएम स्टालिन ने यह भी दावा किया कि ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो और आयकर द्वारा छापे कुछ और नहीं बल्कि भाजपा का विरोध करने वालों के खिलाफ डराने की रणनीति थी।
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उन्होंने कहा कि बीजेपी का विरोध करने वालों को डराना-धमकाना बीजेपी की आदत बन गई है। यह पूरे भारत में विभिन्न राज्यों में एक ही स्क्रिप्ट के साथ इस अलोकतांत्रिक कार्य का पालन किया जा रहा है।