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मुर्मू ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरा अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरे को अपेक्षाकृत अधिक गंभीर बताते हुए बुधवार को कहा कि हमें सुधार के उपाय तत्काल करने होंगे।
राष्ट्रपति पाली जिले के रोहट में 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जम्बूरी का उद्घाटन कर रही थीं।
उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न खतरा अपेक्षाकृत अधिक गंभीर है। बढ़ते तापमान, समुद्र के स्तर और मौसम की अनिश्चितताओं का प्रभाव काफी स्पष्ट है। इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, हमें सुधार के उपाय तत्काल करने होंगे।

इस दिशा में स्काउट गाइड का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, आप नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के साथ-साथ कार्बन फुटप्रिंट को कम करके, और सतत विकास व्यवहारों को बढ़ावा देते हुए जन-जागरण के इस प्रयास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने प्रतिभागियों से कहा कहा कि हमारे यहां हिमालय से लेकर पूरे देश में फैले वनों में पौधों और जीव-जंतुओं की प्रजातियों की व्यापक विविधता उपलब्ध है। एक स्काउट और गाइड के रूप में, यह आपका कर्तव्य है कि आप लोगों को जैव विविधता की रक्षा करने, पर्यावरण संतुलन बनाए रखने और जिम्मेदाराना पर्यटन व्यवहारों को बढ़ावा देने के महत्व के बारे में शिक्षित करें।

मुर्मू ने देश की जनसांख्यिकी विशिष्टता की ओर इशारा करते हुए कहा, विश्व में आज भारत एक युवा देश माना जाता है। युवाओं की यह सभा एक मिनी यंग इंडिया का प्रतीक है। आप राष्ट्र के भविष्य निर्माता हैं। यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप भारत के भविष्य को सुंदर स्वरूप प्रदान करें।
उन्होंने कहा, देश ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, और ‘अमृत काल’ में प्रवेश कर चुका है। मेरा आह्वान है कि आप सभी समाज और राष्ट्र के सामने आने वाली भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए बड़े लक्ष्य की ओर आगे बढ़ें।

दुनिया तेजी से बदल रही है और आपको ‘फ्यूचर-रेडी’ रहना होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भविष्य को संवारने के लिए पहली शर्त होती है, अपने आप पर भरोसा करना, और इस बात पर पूरा भरोसा करना कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है। साथ ही, यह हौसला भी बनाए रखना होता है कि जो भी बाधाएं आएंगी, उन पर हम विजय प्राप्त करेंगे।
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि आज भारत स्काउट्स और गाइड्स देश का सबसे बड़ा स्वैच्छिक, गैर-राजनीतिक, वर्दीधारी युवा संगठन और शैक्षिक आंदोलन है।

यह पंथ, नस्ल या लिंग के किसी भेदभाव के बिना लड़कों और लड़कियों के चरित्र-निर्माण के लिए कार्य करता है।
उन्होंने कहा कि 63 लाख से अधिक स्काउट्स और गाइड्स वाले इस संगठन में बालिकाओं अर्थात गाइड्स की संख्या 24 लाख से अधिक है। यह एक अच्छी संख्या है जिसे और भी बढ़ाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, मैं, समाज और मानवता के कल्याण के लिए कठोर अनुशासन और आत्म-सुधार के इस मार्ग पर चलने के लिए सभी लड़कियों को विशेष रूप से बधाई देती हूं।

इस राष्ट्रीय जंबूरी में देश भर से लगभग पैंतीस हजार स्काउट्स और गाइड्स भाग ले रहे हैं।
राष्ट्रपति ने इसका जिक्र करते हुए कहा, वर्ष 1956 में जयपुर में मेजबानी करने के बाद आज लगभग 66 वर्षों के अंतराल के बाद राजस्थान,राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी कर रहा है। मुझे खुशी है कि यह जम्बूरी एक ऐसी भूमि पर आयोजित हो रही है जो साहस और वीरता का प्रतीक है।
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राष्ट्रीय जम्बूरी का यह ऐतिहासिक आयोजन राजस्थान में होना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अनुशासन, सेवा और समर्पण से जुड़ा यह संगठन मूलतः वसुधैव कुटुम्बकम की भारतीय संस्कृति से ही जुड़ा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राष्ट्रपति की उपस्थिति में राष्ट्रीय जम्बूरी की मेजबानी करना गौरव की बात है। स्काउट-गाइड बनना ही गर्व का विषय है।
इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा जम्बूरी स्मारिका, विशेष आवरण तथा जम्बूरी पत्रिका का भी विमोचन किया गया। इस दौरान ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह स्थल पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा भी की गई।
कार्यक्रम के दौरान भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम के द्वारा विभिन्न फॉर्मेशन तथा हवाई करतब देखकर वहां मौजूद अतिथि, प्रतिभागी एवं जनसमूह रोमांचित हो गए। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति दो दिन की राजस्थान यात्रा पर थीं।

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