विपक्ष के कई नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें उनके आईफोन में सरकार प्रायोजित सेंधमारी के प्रयास’ के बारे में एप्पल से चेतावनी संदेश मिला है तथा इस कथित हैकिंग के प्रयास के लिए सरकार जिम्मेदार है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया और कहा कि सरकार इसकी गहन जांच कराएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत एवं टी एस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी (आप) के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)के असदुददीन ओवैसी को भी इसी तरह का संदेश मिला है।
आईफोन निर्माता एप्पल ने मंगलवार को कहा कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है।
कंपनी ने कहा, ‘‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं। यह संभव है कि एप्पल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता।’’
हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि विपक्षी नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं।
विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हमेशा की तरह कुछ ही लोग सरकार प्रायोजित हमले पर हंगामा खड़ा कर रहे हैं और खुद को शहीद बताने का नाटक कर रहे हैं… सब अच्छा है… लेकिन संभावना है कि हमेशा की तरह ही इस हंगामे की हवा निकल जाएगी!’’
उन्होंने कहा, एप्पल के स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा क्यों न की जाए? या हंगामा खड़ा करने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहते ?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि उनकी पार्टी और कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के आईफोन को सरकार प्रायोजित हैकर्स द्वारा हैक करने का प्रयास किया गया और यह अडाणी समूह के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश भर है।
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि उद्योगपति गौतम अडाणी देश में नंबर एक हैं और इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का नंबर आता है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जब भी अडाणी से जुड़ा मामला उठाया जाता है तो एजेंसियों को जासूसी में लगा दिया जाता है।
उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए कहा, ‘‘जितनी टैपिंग करनी है कर लो, हम डरने वाले नहीं हैं। हम लड़ने वाले लोग हैं, हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।’’
महुआ मोइत्रा और प्रियंका चतुर्वेदी इस मुद्दे को उठाने वाली विपक्षी नेताओं में सबसे पहले रहीं।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ‘एक्स’ पर पोस्ट में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को टैग किया और कहा, ‘‘आपसे आग्रह है कि आप राजधर्म निभाएं और गृह मंत्रालय के अधिकारियों को तलब करें। विशेषाधिकार समिति को इस मामले पर विचार करना चाहिए। अश्विनी वैष्णव को इस असली सेंधमारी के बारे में चिंता करनी चाहिए।’’
प्रियंका चतुर्वेदी ने भी एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह उन्हें एप्पल से प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, आपको शर्म आनी चाहिए। गृह मंत्री कार्यालय के ध्यानार्थ।’’
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इसी तरह का पोस्ट किया।
उन्होंने एक्स पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘एप्पल आईडी से प्राप्त हुआ, जिसका मैंने सत्यापन किया है। प्रामाणिकता की पुष्टि हुई। मेरे जैसे करदाताओं के पैसे पर अल्प-रोज़गार अधिकारियों को व्यस्त देखकर खुशी हुई!’’
थरूर ने अपने पोस्ट के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी को भी टैग किया।
इसी तरह का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए खेड़ा ने कहा, ‘‘प्रिय मोदी सरकार, आप यह क्यों कर रही हो?’’
आप के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने एक लंबे पोस्ट में कहा कि उन्हें एप्पल से संबंधित अधिसूचना मिली है, जिसमें उनके फोन पर संभावित सरकार-प्रायोजित स्पाइवेयर हमले के बारे में चेतावनी दी गई है।
चड्ढा ने कहा कि जासूसी आम चुनाव से महज कुछ महीने पहले हो रही है और इसे विपक्ष पर व्यापक हमलों के अंतर्गत रखा जाना चाहिए।
अखिलेश यादव ने दावा किया कि विपक्षी नेताओं का फोन हैक किया जा रहा है और उनकी जासूसी कराई जा रही है।
उन्होंने लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में अखिलेश ने कहा, ‘‘बड़े दुख की बात है कि सुबह-सुबह यह (फोन हैक कराने की) जानकारी मिली। इस तरह का संदेश कंपनी के माध्यम से मोबाइल पर आया। संदेश में कहा गया है कि सरकारी एजेंसी या सरकार की तरफ से आपका (मोबाइल) फोन हैक किया जा रहा है या जासूसी की जा रही है।’’
सरकार ने विपक्षी दलों के सांसदों के इस दावे के बाद जांच के आदेश दिए हैं कि उन्हें (विपक्षी सांसदों को) सरकार प्रायोजित हैकर्स द्वारा उनके आईफोन से छेड़छाड़ किये जाने को लेकर चेतावनी संदेश मिले हैं।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करने की अपनी भूमिका को बहुत गंभीरता से लेती है और ‘‘इन संदेशों की तह तक जाने के लिए जांच करेगी।’’
मंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘‘ऐसी जानकारी और व्यापक अटकलों के आलोक में, हमने एप्पल से कथित सरकार-प्रायोजित छेड़छाड़ पर वास्तविक, सटीक जानकारी के साथ जांच में शामिल होने के लिए भी कहा है।’’ उन्होंने कहा कि जांच सीईआरटी-इन द्वारा की जाएगी।
सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आज की ‘‘खतरे की सूचनाएं’’ सांसदों और राजनीति से जुड़े लोगों सहित कई लोगों को मिलने के बाद, एप्पल को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उसके उपकरण सुरक्षित हैं और ये खतरे की सूचनाएं 150 से अधिक देशों के लोगों के लिए क्यों भेजी जा रही हैं?
सांसदों द्वारा साझा किए गए संदेश में कहा गया, चेतावनी: सरकार प्रायोजित हैकर्स आपके आईफोन को निशाना बना सकते हैं।
इसमें कहा गया, एप्पल का मानना है कि आपको सरकार-प्रायोजित सेंधमारों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो आपकी एप्पल आईडी से जुड़े आईफोन से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। ये हमलावर संभवतः आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, इसके कारण आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रहे हैं। यदि सरकार प्रायोजित हमलावर द्वारा आपके उपकरण से छेड़छाड़ की जाती है तो वे आपके संवेदनशील डेटा, संचार, या यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफ़ोन तक दूरस्थ रूप से पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं। हालांकि यह संभव है कि यह एक गलत अलार्म हो, कृपया इस चेतावनी को गंभीरता से लें।