एक समय ‘पूरब के ऑक्सफोर्ड’ नाम से मशहूर पटना महाविद्यालय ने सोमवार को 160 साल पूरे कर लिए लेकिन उसके कई विद्यार्थियों एवं पूर्व छात्र-छात्राओं ने ऐतिहासिक अशोक पथ पर ‘‘डबल डेकर फ्लाईओवर’’ परियोजना के वास्ते उसके पुराने गेट और चहारदीवारी को तोड़े जाने पर अफसोस प्रकट किया।
मुख्य प्रशासनिक भवन, जो डच कालीन ढांचा है, के सामने महाविद्यालय का झंडा फहराया गया लेकिन उसका लोहे का सुंदर गेट और पुरानी रेलिंग के हिस्से विशाल परिसर के कोने में फेंके नजर आये।
महाविद्यालय के पुराने गेट में पिछले कुछ दशकों में बदलाव किये गये थे लेकिन उसे ‘‘डबल डेकर फ्लाईओवर’’ परियोजना के तहत हाल में गिरा दिया गया। इस परियोजना से इस ऐतिहासिक रोड पर स्थित कई शैक्षणिक एवं अन्य संस्थानों पर असर पड़ा है। एक नया गेट निर्माणाधीन है।
इस महाविद्यालय के कई पूर्व एवं वर्तमान विद्यार्थियों ने कहा कि ‘‘टूटी चहारदिवारी देखकर उन्हें बड़ा दुख हुआ’’ तथा उन्हें पुराने गेट की बड़ी याद आ रही है जिसे ‘‘विकास के नाम पर तोड़ दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘कैंपस की गरिमा के साथ खिलवाड़ किया गया है।’’
सन् 1975 में आपातकाल के साल में बीए (अंग्रेजी) की पढ़ाई करने वाले और पटना विश्वविद्यालय में अध्यापन कर चुके पूर्व छात्र शंकर दत्त ने कहा कि अकादमिक तथा कैंपस की सुंदरता की दृष्टि से कभी ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज जैसे मशहूर विश्वविद्यालयों को टक्कर देने वाले इस धरोहर के चले जाने पर उन्हें काफी अफसोस है।