वक्फ एक्ट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बयान पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में एक बार कहा था कि 6-7 साल में एक व्यक्ति युवा हो जाता है। फिर उन्होंने कहा कि तपस्या से गर्मी आ जाती है। आज वैसा ही नया सिद्धांत कुछ दिखाई पड़ा। उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी को वक्फ पर बोलने की कोशिश करने के लिए अहमदाबाद का इंतजार करना पड़ा। मैं कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी जी 12-13 घंटे सदन में बहस हुई आप खुद बैठे थे, वक्फ पर आपने क्यों नहीं बोला। ये दिखाता है कि क्या बोलना चाहिए, क्या नहीं बोलना चाहिए, इसके बारे में उनकी (राहुल गांधी) सोच में स्पष्टता नहीं होती है।
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अपना हमला जारी रखते हुए रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि इससे पता चलता है कि राहुल गांधी को समझ नहीं आ रहा है कि वक्फ के बारे में क्या बोलना है। मैं पूरे अधिकार से कह रहा हूं कि राहुल गांधी के पास इस बात की स्पष्टता नहीं है कि उन्हें किस मुद्दे पर और कब क्या रुख अपनाना चाहिए। उन्हें इन तीन सवालों का जवाब देना चाहिए। क्या आपको यह सही लगता है या गलत कि वक्फ की 8 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली संपत्ति पर गरीब मुसलमानों और बेटियों के लिए कोई अस्पताल, स्कूल, अनाथालय या कौशल केंद्र नहीं बनाया गया है? क्या आपको इस बात से परेशानी है कि मुस्लिम समुदाय की विधवाओं की तरक्की के लिए वक्फ में सुधार किया जा रहा है?
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रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आजकल किसी ने उन्हें ओबीसी पर बोलने के लिए चिट थमा दी है। तो, क्या आपको कोई दिक्कत है अगर वक्फ में संशोधन के जरिए पिछड़े मुसलमानों पर विचार किया जा रहा है? वक्फ पर उनका रुख देरी से आया है। उनसे कहा गया कि उन्होंने वक्फ के बारे में कुछ नहीं कहा, इसलिए उन्होंने सिर्फ कहने के लिए बिल को असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि इस देश ने राहुल गांधी को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। राहुल गांधी जब ओबीसी की बात करते हैं तो सबसे पहले ये बताइए कि कांग्रेस पार्टी के सबसे उच्च निर्णय लेना में ओबीसी को जगह है क्या? यही कांग्रेस पार्टी की सच्चाई है।