पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने इस वर्ष की शुरुआत में सदन में अभद्र बर्ताव के लिए पार्टी नेता सुनील कुमार सिंह की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त किये जाने को लेकर शनिवार को राज्य की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की आलोचना की। विपक्षी दल ने दावा किया कि सदस्यता समाप्त करना अलोकतांत्रिक है और यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अहंकार को दर्शाता है। सिंह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी हैं और उनकी विधान परिषद की सदस्यता शुक्रवार को समाप्त कर दी गई।
सिंह की सदस्यता समाप्त किये जाने का प्रस्ताव सदन में ध्वनिमत से पारित किया गया। इससे एक दिन पहले बिहार विधान परिषद की आचार समिति की रिपोर्ट सभापति अवधेश नारायण सिंह के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। इसके बाद राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के करीबी सहयोगी सिंह के खिलाफ यह कार्रवाई की गई। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘सिंह का निष्कासन नीतीश कुमार के अहंकार को दर्शाता है।’’
राजद नेता सिंह पर 13 फरवरी को सदन के भीतर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ अपमानजनक और असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हुए नारे लगाए जाने का आरोप था। राजद नेता ने कहा, ‘‘ सिंह के खिलाफ यह फैसला मुख्यमंत्री के निर्देश पर लिया गया। मुख्यमंत्री और बिहार में राजग के अन्य गठबंधन सहयोगियों ने न केवल सिंह को परिषद से निष्कासित किया है बल्कि राज्य में पूरे राजपूत समुदाय का अपमान भी किया है।’’ सिंह राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। यादव ने कहा, ‘‘ राजद के विधान परिषद सदस्य को आचार समिति की सिफारिश के आधार पर सदन से निष्कासित कर दिया गया।