Breaking News

सिद्धरमैया ने सूखा घोषित करने के मानदंडों की समीक्षा के लिए केंद्र को पत्र लिखा

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर राज्यों में सूखा घोषित करने के मापदंडों की समीक्षा करने और इसमें संशोधन पर विचार करने का आग्रह किया है, ताकि एक अधिक उत्तरदायी प्रारूप स्थापित किया जा सके, जो प्रत्येक राज्य की वास्तविकताओं को स्वीकार करे और विशेष रूप से किसानों को समय पर सहायता प्रदान करे।
कर्नाटक में दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान कम बारिश की पृष्ठभूमि में, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को राज्य सरकारों द्वारा सूखा घोषित करने के लिए सूखा प्रबंधन नियमावली-2016’ में निर्धारित कड़े मापदंडों को लेकर पत्र लिखा है। इन नियमों को 2020 में अपडेट किया गया था।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मौजूदा मानसून ऋतु में 34 फीसदी कम बारिश हुई है और जून में कमजोर मानसून की वजह से 56 प्रतिशत कम वर्षा हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कई तालुकाओं में सूखे जैसे हालात होने के बावजदू मौजूदा मापदंडों की वजह से राज्य सरकार सूखा घोषित नहीं कर सकी, जिससे किसानों को राहत नहीं पहुंचाई जा सकी।
सिद्धरमैया ने कहा, “यह समझ में आता है कि सूखे की घोषणा के मानदंड सटीक आकलन और संसाधनों के उचित आवंटन को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किए गए हैं, लेकिन प्रत्येक राज्य और उसके भीतर के क्षेत्रों की अनूठी चुनौतियों और आवश्यकताओं को पहचानना भी जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न अनियमित मौसम की स्थिति और किसानों तथा कृषि क्षेत्र पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के कारण उत्पन्न होने वाली गंभीर स्थिति पर सटीक प्रतिक्रिया देने के लिए सूखे की घोषणा के वास्ते मौजूदा मापदंडों की पुन: समीक्षा भी अहम है।

सिद्धरमैया ने कहा, “वर्तमान स्थिति की मांग है कि लंबे समय तक रहने वाली पानी की कमी के कृषि और किसानों की आजीविका पर दीर्घकालिक प्रभावों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा मानदंडों के प्रति अधिक लचीला दृष्टिकोण अपनाया जाए।”
उन्होंने कहा कि सूखे की घोषणा के लिए एक ही पैमाना विभिन्न क्षेत्रों में लागू करना सही नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र-विशिष्ट मानदंड विकसित करना महत्वपूर्ण है, जो स्थानीय पारिस्थितिकी कारकों, पानी की उपलब्धता और कृषि प्रथाओं पर विचार करता हो।

9 total views , 1 views today

Back
Messenger